Book Title: Limbdi Jain Gyanbhandar Hastlikhit Prati Suchipatra
Author(s): Chaturvijay
Publisher: Agamoday Samiti

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Page 218
________________ [ १३५ ] १२४८ १२४८ १२१८ १२४८ ,, १४४ १२८८-२९ ९८थी १०३ १४४ १४५६७ ,,१४४ १७१९-१ थी १३ ,, १४४ ३२८१-१ २२थी२७ २८ २३५१ विवेकविलास १५०४ वायडगच्छीयजिन दत्तसूरि. २२ अपूर्ण ५.२ १७७७ १८८० ६१ पत्र-११,१३,१५,१७,१९नथा. १६९४ १९४२ १८११ " २८००० ७३ ७४ गा.२५ ९५५-५ २२१८-५ का.१०१०९६ ३०१ ३०२थी६०७ ३थी। ५पत्रांतगर्त २३५२ विवेकविलासबालावबोध २३५३ ___ सहित जिनदत्तसूरि " २३५४ विवेकविलास सस्तब्बक २३५५ विशेषावश्यकवृत्ति (प्रथमभाग)। मलधारिहमचंद्रसूरि (द्वितीयभाग) २३५६ विषयनिंदाकुलक मुनिचंद्रसूरि २३५७ विषयस्वाध्याय २३५८ विषापहारस्तोत्रसटिप्पन धनंजय २३५९ विष्णुभक्तिकल्पलताकाव्य पुरुषोत्तमकवि २३६० वृत्ति महिदासपंडित २३६१ विहरमाणजिनगतसुरप्रभादि । विनीतविजय ८ स्तवन २३६२ विहरमाणजिनगीत जिनसागरमूरि २३६३ विहरमाणजिनचित्री २३६४ विहरमाणजिनभास कल्याणसागर २३६५ विहरमाणजिनवीसी यशोविजय १६५२ ८९८ १८ ३११५- १४पत्रांतर्गत १८४८ अपूर्ण अपूर्ण २८४४ ३१२०-४ २० ३२४३४ १८५२-१ थी९ २७८२-३ २१थी२९ १९२०-१ २थी१६ २४२०७ १८४० २२५ २३६६ २३६७ , न्यायसागर १८८८ " . .

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