Book Title: Life Style
Author(s): Kalyanbodhisuri
Publisher: K P Sanghvi Group

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Page 160
________________ विष और अमृत एक ही समुंद्र में हैं। कंकर और शंकर एक ही गुफा में हैं इसी प्रकार मन में राम और रावण की दो शक्तियों का शासन भी एक साथ चल रहा है। आत्मारूपी एक ही रंगमहल में दो प्रकार का संगीत साथ-साथ सुनाई देता है एक सुमति का, दूसरा है कुमति का। सुमति का संगीत त्याग-वैराग्य एवं ज्ञान-ध्यान की भावना को जगाता है तो कुमति का गीत विकारी भावनाओं की अभिवृद्धि करता है। जब जीवन में सुमति का सुमधुर संगीत चलता है तब आत्मा अपूर्व आनंद का अनुभव करती है। आत्मा के इस आनंद को देखकर मन ईर्ष्या से जलने लगता है और वह कुमति को उत्प्रेरित करता है कि तू इस प्रकार का संगीत छेड़ जिससे आत्मा आनंदित न रह सके। अनंत काल से यही द्वन्द्व चला आ रहा है। इस द्वन्द्व युद्ध को मिटाने के लिए कुमति की संगत छोड़कर सुमति की संगत करनी होगी क्योंकि सुमति की विजय ही आत्मा की सच्ची विजय है। संत तुलसीदास जी ने भी लिखा है - 'जहाँ-जहाँ सुमति तहाँ संपत्ति नाना, जहाँ कुमति तहाँ विपत्ति निदाना।' कुमति ने सारे संसार को दुःखी बना दिया है। सुमति के बिना शक्ति केवल मूर्खता और पागलपन है। ११ सन्मतिः शरणं मम १५ 150 For Private & Personal Use Only द्धन्द्ध Jam Education International wow.jainelibrary.org

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