Book Title: Laghu Dandak Ka Thokda
Author(s): Bherodan Jethmal Sethiya
Publisher: Bherodan Jethmal Sethiya

View full book text
Previous | Next

Page 2
________________ । लघुदण्डक का शुद्धिपत्र । अशुद्धि शुद्धि ६गा.१ गब्भयतिरियमणुस्सा, पंचिंदियतियनरा, पंक्ति ___ २० गर्भज. पंचेन्द्रिय. गर्भज मनुष्य मनुष्य शरीर के सब अंगोपांग किसी खास सकल केन । हो (खराब हो) उनका प्रमाण- १-२-३ उनका प्रमाण एक समय में-- १-२-३ इसका प्रमाण-१२-३ इसका प्रमाण ए क समय मे१-२.३. देवता देवता,दण्डक ग्रासरी १२४ दण्डक का श्रावे और २४ दण्डक तथा 1 मोक्ष में जावे समचोरंस इसमचउरंस भवधारणीय शरीर श्रासरी,और उत्तर वैक्रिय शरीर प्रासरी सं ठाण पावे नाना प्रकार का। नारकी और देवता में नारकी में पर्याप्ति पावे छः १४ ४ १८ १४

Loading...

Page Navigation
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 ... 60