Book Title: Krambaddha Paryaya Nirdeshika
Author(s): Abhaykumar Jain
Publisher: Todarmal Granthamala Jaipur

View full book text
Previous | Next

Page 5
________________ क्या? 1. प्रकाशकीय 2. अहोभाग्य 3. मंगलाचरण 4. पाँच समवाय 5. सामान्य निर्देश 6. विषय प्रवेश अध्याय - 1 7. अपनी बात अध्याय - 2 8. क्रमबद्धपर्याय : एक अनुशीलन गद्यांश । - भूमिका गद्यांश 2 – विषय परिचय गद्यांश 3 - क्रमबद्धपर्याय पोषक आगम प्रमाण गद्यांश 4 - अज्ञानी द्वारा सर्वज्ञता का विरोध गद्यांश 5 – सर्वज्ञता पोषक आगम प्रमाण गद्यांश 6 - सर्वज्ञता के विरोध में व्यवहारनय का दुरुपयोग गद्यांश 7 – अज्ञानी द्वारा प्रस्तुत शंका का समाधान गद्यांश 8 - जिनागम के अन्य प्रमाणों से क्रमबद्धपर्याय का पोषण गद्यांश 9 - प्रथमानुयोग से क्रमबद्धपर्याय का समर्थन गद्यांश 10 - करणानुयोग से क्रमबद्धपर्याय का समर्थन गद्यांश 11 – पुण्य-पाप भाव भी हमारी इच्छानुसार नहीं होते 36 गद्यांश 12 – त्रिलक्षण परिणाम पद्धति गद्यांश 13 - क्षेत्र और काल का नियमित क्रम 33 34 35 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 ... 132