Book Title: Kavyanushasanam
Author(s): Hasu Yagnik
Publisher: ZZ_Anusandhan
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डिसेम्बर २०१०
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मणिकुल्या अहीं पहेली ज वखत चर्चाया जणाय छे. अगाउ क्यांय आ विशे केटलुक लखायुं होय ते आ लखनारना ध्यानमां न होय तेवू बने. परन्तु कथाने, आ रीते अना कथागत रूपने अने अना प्रयोजित रूपने आधारे वर्गीकृत करवानुं कार्य हेमचन्द्राचार्य पहेलां थयुं लागतुं नथी. 'काव्यानुशासनम्' अने 'विवेक'मां केटलांक दृष्टान्तो छे. पछीनी गुजराती कथानी कृतिओमां आ प्रकारनी कथाओ विशेष लखाई छे. कथा- आ वर्गीकरण, अनु कथानकजन्य आन्तर-स्वरूप अने कथा-कथाने जोडती भूमिकाकथानी पद्धति : अहीं सूत्रबद्ध बनी छे. मध्यकालीन कथाओ उपरान्त लोककथा Falktale माटे पण आ प्रकारो अभ्यासोपयोगी छे.
नीति के व्यवहारज्ञान माटे ज्यारे पशु, पक्षी के अन्य निम्नपात्रनुं कथावृत्तान्त प्रयोजाय त्यारे अने निदर्शन कहेवाय. अना दृष्टान्तमां पंचतन्त्र अने कुट्टनीमत दर्शाव्या छे. अहीं Animal Story प्राणीकथा, Fable अने Parable बन्नेनो समावेश छे. 'फेबल'मां नीतिउपदेश माटे जे दृष्टान्तरूप कथा कहेवाय ते Animal Story छे. अमां पात्रस्थाने पशु, पक्षी वगेरे छे. आवी ज नीतिकथारूपे, दृष्टान्तरूप कथामां प्राणीने बदले मानव ज पात्ररूपे होय तो अने 'पेरेबल' कहेवाय. ईसपनी कथाओ ‘फेबल' छे, टोल्स्तोये लखेली बोधकथा 'पेरेबल' छे. माणसने जोइ जोइने अन्ते केटली जमीन जोइमे, अनी कथा टोल्स्तोय आपे छे. सांजनो सूरज ढळे त्यां सुधीमां जेटली भूमि पर दोडी वळे ओटलीनो मालिक : आ माटे लोलुप मोहवश अटलुं दोडे छे के अन्ते सूरज ढळे छे त्यारे ओ पण थाकातिरेके ढळी पडे छे ने बे गज जमीन-कबर माटेनी ! स्पष्टतः अहीं बोधकथा छे. नीति के बोध माटे दृष्टान्तरूपे कहेवाती कथा ते निदर्शनकथा, दृष्टान्तकथा.
अहीं कोइने प्रश्न अ थाय के कुटणीओ कहेली कथाने आ वर्गनी केम कहेवामां आवी ? नीतिदृष्टि), मानव छतां पशुवत् होवाने कारणे ? मूळ कृति जाणता न होय तो आवो प्रश्न थाय. 'कुट्टनिमतम्'मां ओक युवान वाराङ्गना कुटणीनी पासे आवी कहे छे : 'मारी पासे कोई नवो, युवान, समृद्ध पुरुष ओक वखत आवे छे. कोई कायमी मने पाळनारो, पोषनारो, चाहनारो नथी. आवो ग्राहक केम पामवो ?' आ मतलबनी पृच्छानो जवाब आपता

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