Book Title: Kavya Prakash Part 02
Author(s): Mammatacharya
Publisher: Rajasthan Prachyavidya Pratishthan

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Page 145
________________ काव्यप्रकाशवाचनांयापार चुंबिअं 222 B अङ्कपाली 223 A. B. सहीए 224 B णिवारिऊच्चिभ. कणिवारिओन्विअ 225B उच्चेरंतो. उच्छेरन्तो 226 B तदा कहिं 227 B हारछेदानंतर' 228 A. C. कहंपदगम्यः 229 A पलोइऊण. B पुलोविऊण 2300 खन्धे 231 B णत्थोत्ति कणोत्ति 232 B कित्ति 233 A. B. तदपरं 234 B कित्तिपदव्यंग्य द्योत्यम् instead of व्यंग्यम् 235c 236 B कुडेन 237 B दिछी 2380 . 'मिसेण 239 A गरुओत्ति. । गरुऊत्ति 240 C पाडिअ 2411. B. विभिण्णो 242 B नदीतीरे 243 A. B. द्वारोपघात 244 c पूर्वक 245 c स्पर्शन 246 C जोहाइ 247 B. 0. विदण्ण 248 0 पणउसुअ 249 B बुढ्यु वि. बहुअहहहरइसवहिअयं cणवोढविभ 250 B चामानु 251 A. C. परबहु 252 A. B. वाक्यप्रकाशे 253A प्रकाशो 254 B. Between 9.4 aad 95 sutras B. adds कंकाल बहले घोरे सर्वप्राणिभयङ्करे। 255 B After sūtra 95 B.adds प्रियो वा यदि वा द्वेष्यः -256. A . . स्त्यज्यध्व कथं मूढास्त्यजध्व °ला अत्यक्ष्यध्वमशङ्किताः .. The reading of A bas been accepted in the text after emending i. e. changing त्यज्यध्वम into त्यजध्वम 257 B चेकादश 258 B.C ग्रंथविस्तरभया 259C लक्षणतो 260 B अणि C ERA रइकेलिहिअणि 261 A. C. 'लअरुद्धण' 262 A. C. 'पब्वयि परि विअं. 263c रेणैव व्यापारेणास्य . 264 B gives 21 instead of यथा वा B प्रेयान्सा 265c. द्वाराणीति 266 C पुरि पुरि विनिवृत्ता . 267 A instead of अत्र लिख ... इति, भूमिमिति A writes अत्र न लिखतीत्यपि तु प्रसादपर्यतमास्त इति । तथा आस्त इति नत्वासित इति, भूमिमिति। B. writes अत्र न लिखतीत्यपि तु प्रसादपर्यंतमास्त इति । तथा तिङा आस्त इति नत्वासित इति भूमिमिति । ..., 2680 पूर्वकमपरं किं ...... 269 drops संबन्धस्य यथा 270 c रुहम्मि B गामानुअम्मि 271 0 'महे 272 B. O. ताणं.. कंठाण' 273 B. C. ताण भणिआणं 274 B एरिसि 275A. B. निपातस्य 276 B....प्राधान्यं गम्यते 277 B..... अत्र हि दिवसेनेति तृतीया

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