Book Title: Kavya Prakash Part 02
Author(s): Mammatacharya
Publisher: Rajasthan Prachyavidya Pratishthan

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Page 159
________________ चाति केसराइ उ.१०] काव्यप्रकाशवाचनायाः पाठान्तराणि [21 128 B दुष्टताया 161 0 मालाप्रतिवस्तूपमावन्मालाव्यति129 B यथा । स्वयि... रेकोपि संभवति तस्यापि भेदा. 130 B कुमुदं एवमूह्याः। दिल्यानं चोदाहियते । 131 B. c. करं Read no. 161 on श्लिष्टः 132 B किअणाण 1620 यथा किवणाण 1630 133 B णाआण 164 B अत्राक्षिप्तवोपमा। णाआण अत्र ह्याक्षिप्तवोपमा भास्वतेति 134 श्लिष्टः केसराई Read no. 164 on यथा 1350 सीहाणं 165 B अत्रेवादेस्तु 136 B आण अत्रेवादीनां तुल्या आण 166 B omits a 137 B अथणा 167 B. C. एवंनातीयकाः थणआ 168 B योग्यपदस्य 138A. B. कत्तो 169 B. C. तेऽपि 1390 अमुआणम् 170 B. C. दिशा दृष्टव्याः 140 B . • नवपरिणयता A दृशा 141 B 'नोतरोत्तरं 171 B पसर्जनीयकार्य 142 B संगतेन 172 B कपि 1430 देवाकर्णय येन येन सहसा 173 B. C. णिविव यद्यत्समासादितम् । 174 B.C. ण Read no. 143 on संप्राप्ते 175 B कपूरः 1440 बेन त्वं भवता च कीर्तिरतुला 176 B. C. कार्यस्थाकथनं कीयां च लोकत्रयम्। 177 B सुंदरमपि भाति 145 B पुनः instead of वपुः omits 'नील' 178 B. C. सुहृदः 146 B 147 B सदाननस्य Omit no. 178 on गौर्गली 148 B योपि वर्धते 179 B omits अपि 1490 नित्यं Read no. 179 on °धेऽपि 150 B 180 No variant. 1510 उपमानगतमपकर्ष 181 B द्वाभ्यामपि द्रव्यं 152 B अर्थेन 182 B संगररंगसक्त 1530 आर्थेन च क्रमेणो. 183 B संततमुस 1540 °शतिभेदाः 184 B सतत्त्वविदों 155 B. C. हायोपि 185 B निःशंकतरं 1560 महाधतिः निस्यन्दतरङ्गि 157 0 अत्र तुल्यार्थे 186 B. C. °चूडापगापि 158 B अत्रेवाहि तुल्या 187 B. C. पश्चादंघी 159 B विरहे माक्षिस 188 B सटाधूलिध्रमा Read no. 159 on. विरहेणाक्षि 189 B दिअहणिसाहिं 1600 श्लिष्टः । शाब्दमौपम्यम् । दिअहणिसाई

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