Book Title: Kavya Prakash Part 02
Author(s): Mammatacharya
Publisher: Rajasthan Prachyavidya Pratishthan

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Page 151
________________ उ. ७] 162 c 163 A B 164 B. C. 165 B 166 B 172 c 173 BC B. C. 174 c 176 A C 177 c 1780 179 B C 180 a 181 B 182 B 183 B C 184 c 185 B. C. 186 A भवान्याः यथा चा 167 c 168 B. C. निधानुपाहितां 169 c 170 BC. 171 B. C. 187 c 188 B 189 B C भुतमहतस्य 190 B वीर शिशु 175 B. गतेत्यम्बुधि वाक्यत्वेन Read no. वाक्यगत "कृष्ण Read "भिरूप" वस्तुषु प्रोद् 'क्षणात् वाक्यान्तरस्य पदान वाक्यान्तरमनुपवि मुञ्च इति no. Read no. गतेवाम्बुधिं भणितादि अन्र विशेषे काव्यप्रकाशवाचनायाः पाठान्तराणि एकपदद्विप्रयोग यथा हि क्रियते ततः पदान्तर तदा पदान्तर अन्न... प्रयोगात् बेति युक्तम् 'यन्ति नियता लघुता भजतो 165 'मिति चेहोतेः कथमे' मिति चेोकं तत्कथ 166 175 on on on लघुताभाङ्गपदमिति तु युक्तं लघुतावान पदं नृपक्षिय इति युक्तम् निःश्रीकाः काशिदंतर्दिश एव दधिर इति कम्पमाना... 191 B 192 c 193 B 194 B 195 B 196 c 197 B 198 B 199 o 200 BC. 201 BO B. 202 c 203 A B 204 B a 205 B 206 B 207 B 208 B 209 c 210 c 211 B 212 c 213 B 214 B 215 AD 216 d 217 B 218 d 219 B 220 C 221 B 222 B 223 B 224 B 225 B 226 B omits 'भ्यस्वताम् विश्रब्धं बराहततिभिर्मुस्ता विश्रांतिं लभता वरामुस्ताक्षतिमित्य' यत्राप्यनुस omits यथा "दनन्तरं चकारो पुनः न्याय्यं तथा ल पदयुक्तः गोदा ॥ गोदाहरणं निष्वंद सरखा निवन्दसुरसा स्फुरति मध्यात्मक कथं प्रसन्ना भवन्तु भवत्विति संक्षेपार्थइति कष्टम् gives the whole verse no 259 Read no. 210 on कृतमनु omits क्षत्र धुरं omits पुनरुन्धः "स्य प्रथमनिर्देशो रूपर्क instead of कूर्परं gives the whole verse no. 263 "स्पासीच [ 13 अद्वितीयशस्त्र omits यथा वा has अत्र पादा' omits न पुनरङ्कुरोगमः येना "रूपतया कथितेति रागं विना 'शास्त्रविरुद्वम् omits E

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