Book Title: Kavya Prakash Part 02
Author(s): Mammatacharya
Publisher: Rajasthan Prachyavidya Pratishthan

View full book text
Previous | Next

Page 152
________________ 14] • काव्यप्रकाशवाचनायाः पाठान्तराणि विहितमिति omits एतत्कामशास्त्रेण 227 0 228 B 229 0 230 B 2310 232 0 233 B 234 B 2350 236 B 237 B 238 0 239 B 240 B 241 B 2420 2430 244 c 2450 omits ततः संप्रज्ञातसमाधिः पश्चा has एतद्योगशास्त्रेण विद्यांतरेपि Read no. 233 on विद्यान्तरै० संप्रीणिताः °ताक्षरं हि निखिलं Read no 235 on °खिताक्षमेव वक्त्राम्भोजे स्मितं instead of श्रियम् ज्योत्स्त्रीमिति मकराकर omits अत्र इत्यत एवात्र समाप्यं इत्यन्तमेव श्रुतादिभिरु सहचरिते. has विनयेन.. युक्तः gives the whole verse no 281 मुपैतु Read no. 246 on 'मपैतु सुखेन युक्तम् after इति विधेयम् रण मधुपश्रेणि' °गयेत्यत्र विदितं... omits उद्यतस्य परं हन्तुमेव प्रवृत्तस्य स्तब्धस्य' यथाशु जायते omits प्रतीतिः प्रकाशितस्तत्र स्वात्तव्यकाशनं संनिकर्षादिक बोधार्थी तेत्यर्थमस्याः प्रतीत्यर्थाः 260 B. C. लक्केश्वरेणोषितमा 261 c इत्यत्र केवलो Read no. 262 on इति 262 B रत्नानामिश्रत्व Read no. 262 on रखामि 263 B कान्ताकर्षति Read no. 263 on कामा 2640 पुष्पविषये पुष्पशब्दः 265 B °ण त्वेनापि Read no. 265 on विशे. षणत्वे266 B. C. °णत्येऽपि 267 B प्रतीतो गतार्थ 268 B drops क्वचित् । 2690 युक्तम् 270 B युक्तं त्वेवं 271 B °मतिद्रुतम् . 2720 व्रजन्नेष 273 B खिद्यत 274 B इत्युदाहाय 275 c has सर्वेषां श्रुति 276 B. C. मद्राक्षमित्यादि Read no, 276 on °क्षुष मद्राक्षी 277 A drops क्वचिन्न दोषो न गुणः 2780 च instead of वा 279 B रौद्रे च रसे 280A ०णोदा . °णोदाहरणं 281 किङ्प्रत्यय विप्प्रत्यय Read no. 281 on क्षित्प्रत्यय 282 B भूरिभीषण 283 B. C. प्राग्भार 284 B पोद्भुतं 2850 वाच्यवशायथा 2860 पुरः instead of शनैः 287 B वाताभिभूतं शिरः 288 B घटयत्येष उल्ला 2890 श्लेषादावदुष्टौ Read no. 289 on श्लेषादौ 246 B 2470 वयम् 248 B 249B 250 B 251 A. B. 252 B 253B 254 B 255 B 256 B 257 B 2580 2590

Loading...

Page Navigation
1 ... 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159 160 161 162 163 164 165 166 167 168 169 170 171 172 173 174 175 176 177 178 179 180 181 182 183 184 185 186 187 188 189 190 191 192 193 194 195 196 197 198 199 200 201 202 203 204 205 206 207 208 209 210 211 212 213 214 215 216 217 218 219 220 221 222 223 224 225 226 227 228 229 230 231 232