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कर्म का विज्ञान
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कर्म-अकर्म दशा की स्थिति प्रश्नकर्ता : कोई भी गलत काम करें तो कर्म तो बँधेगे ही, ऐसा मैं मानता हूँ।
दादाश्री : तो अच्छे कर्म का बंधन नहीं है? प्रश्नकर्ता : अच्छा और बुरा, दोनों से कर्म बँधते हैं न!
दादाश्री : अरे! इस समय भी आप कर्म बाँध रहे हो! इस समय आप बड़े पुण्य का कर्म बाँध रहे हो! परन्तु कर्म कभी भी नहीं बँधे, वैसा दिन नहीं आता है न? उसका क्या कारण होगा?
प्रश्नकर्ता : कोई प्रवृत्ति तो करते ही होंगे न, अच्छी या खराब?
दादाश्री : हाँ, पर कर्म नहीं बँधे, ऐसा रास्ता नहीं होगा? भगवान महावीर किस प्रकार से बिना कर्म बाँधे मुक्त हुए होंगे? यह देह हैं तो कर्म तो होते ही रहेंगे! संडास जाना पड़ता है, सबकुछ नहीं करना पड़ता?
प्रश्नकर्ता : हाँ, पर जो कर्म बाँधे हों, उनके फल वापिस भुगतने पड़ते हैं न!
दादाश्री : कर्म बाँधे तब तो वापिस अगला जन्म हुए बगैर रहेगा नहीं। यानी कि कर्म बाँधे, तो अगले जन्म में जाना पड़ेगा! परन्तु इस जन्म में महावीर को अगले जन्म में नहीं जाना पड़ा था, तो कोई रास्ता तो होगा न? कर्म करें फिर भी कर्म नहीं बँधे ऐसा?
प्रश्नकर्ता : होगा।
दादाश्री : आपको ऐसी इच्छा होती है कि कर्म नहीं बँधे? कर्म करते हुए भी कर्म नहीं बँधे ऐसा विज्ञान होता है। उस विज्ञान को जानो तो मुक्त हो जाओ।
____ बाधक है अज्ञानता, नहीं कर्म रे... प्रश्नकर्ता : हमारे कर्म के फल के कारण यह जन्म मिलता है न?