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कर्म का विज्ञान और कर्म होने रुक जाएँगे! ___ कर्म नहीं बँधे, उसका रास्ता क्या है? स्वभाव-भाव में आ जाना, वह। 'ज्ञानी पुरुष' खुद के स्वरूप का भान करवाते हैं, फिर कर्म नहीं बँधते। फिर नये कर्म चार्ज नहीं होते। पुराने कर्म डिस्चार्ज होते रहते हैं और सभी कर्म पूरे हो जाए, तब अंत में मोक्ष हो जाता है!
यह कर्म की बात आपको समझ में आई इसमें! यदि कर्ता बने तो कर्म बँधते हैं। अब कर्त्तापन छूट जाए, तब फिर कर्म नहीं बाँधेगा। यानी आप आज कर्म बाँध रहे हो, पर जब मैं आपका कर्त्तापन छुड़वा दूंगा, तब आपको कर्म नहीं बँधेगे और जो पुराने हैं वे भुगत लेना। यानी पुराना हिसाब चुक जाएगा और कॉज़ खड़े नहीं होंगे। सिर्फ 'इफेक्ट' ही रहेंगी और फिर इफेक्ट भी पूरी भोग ली गईं कि संपूर्ण मोक्ष हो गया!
- जय सच्चिदानंद
ऊपरी अणहक्क
उकरडा
मूल गुजराती शब्दों के समानार्थी शब्द : बॉस, वरिष्ठ मालिक : बिना हक़ का : कूड़ा-करकट फेंकने का स्थान : बाहर से आनेवाले दुःख : आत्मप्रदेश में से कर्मों का अलग होना : पाश, बंधन
उपाधि निर्जरा
वळगणा
पोल
: घोटाला, ग़फलत, अंधेर