Book Title: Karm Vignan Part 02 Author(s): Devendramuni Publisher: Tarak Guru Jain Granthalay View full book textPage 5
________________ समर्पित श्रुत - ज्ञान के अनन्य आराधक जैन आगमों के प्रथम हिन्दी टीकाकार श्रमण संघ के प्रथम आचार्यआचार्य श्री आत्माराम जी महाराज तथा शम-दम-सम भाव की मंगल मूर्ति राष्ट्रसन्त आचार्य श्री आनन्द ऋषिजी महाराज, आचार्य द्वय के दीक्षा एवं जन्म शताब्दी समारोह के पावन प्रसंग पर सविनय समर्पित Jain Education International - उपाचार्य देवेन्द्र मुनि For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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