Book Title: Kalpasutram Author(s): Bhadrabahuswami, Mafatlal Zaverchand Gandhi Publisher: Mukti Vimal Jain Granthmala View full book textPage 9
________________ स्व-भाइश्री–बाबु उर्फे सुमति वाडीलाल शाहनी टुंक जीवन रेखा जन्मः सं १९७७ मागशरसुद सातम अवसान सं १९८९ जेठ वद पांचम देवी पुरुषोनुं यौवन देवधाममांज होय छे पवित्र मंदिरोनी हारमाळा अने अनेक पवित्र कार्योथी पवित्रथयेल राजनगरमां आ दैवी बाळकनो जन्म थयो. ने तेथी तेमना धर्मरसिक पिता वाडीलाल अने सद्गुणमूर्ति माता बाइ गजराना हर्षनो पार न रह्यो . योग्य अवसरे सौने ग्रा एवं गुणने अनुसरतुं 'सुमति' नाम पण पाडवामां आव्युं. आ सुमति खरेखर सुमतिरुपज हतो. आ सुमति गुण अ वये जेम जेम वृद्धि पामतो गयो तेम तेम पितानी सुखसमृद्धि पण वृद्धि पामता बाळक साथे वधवा लागी. आनंदी बालपणमां आनंद मानता अने ए आनंदना सागरने युवानीने उमरे लइने चढतामांज भाइ श्री सुमतिनी जरुर देवोने पडी अने अणचिंतव्या आणां एमने लाध्यां. मात्र बार वर्षानीज टुंक वय होवा छतां भाइश्री सुमति बालकनी निर्दोषता युवानीना उत्साह अने वयोवृद्ध मनुष्यनी शक्ति धारण करता हता. एमना सबंधमां आवनार हरकोइ व्यक्तिने सहज लागतुं के पोते एक असाधारण आत्मामाथे विनोद अनुभवी रह्यो छे एमनामां गुणनो भंडार हतो एम सर्वकाइने कबुल कर पडे छे. पण तेमांए विशेषतः आनंदी स्वभाव, हसमुखो चहेरो, उदरता अने प्रमाणीकता आदी गुणो मनामां झगझगी रह्या हता. एमनो आत्मा अत्यंत संस्कारी हतो एम हरकाइने लागे छे. दुनीआने फक्त पोतानी अद्भूत शक्तिओनुं टुंक समयमां ब्यान कराववुं एज जाणे एमनु लक्ष्यार्थ हतुं. एमनी प्रमाणीकताना, सच्चाइना अने उदारताना असंख्य दाखलाओ एमना सबंधमां आवनारने खबर छे.Page Navigation
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