Book Title: Kalpa Sutra Author(s): Bhadrabahuswami, Publisher: Nagor View full book textPage 4
________________ पवासर AME गरोयमयउधावरारउमान पुणिरोकी जसविसमाहे पंचजसरि चरस अाफननवममासमाढावमासातल अपवरसमहावीरन आमषकमाविष्ट डाकाडाहाबायालासंसहस्सहिंजणियाणा पंचहतरीवासे हिंधनवामहिमास वरसरदशतियारा मेसेटिंत्र कतईश्कवासताकर षागवंसर विषज्ञ ऊपना तियाना कास्पषगावतिईसहित बिताकरवलाया पक्ष्यापरिलासाटमा म एषायकवामिला। हिए कवासापतियारहिशिकागऊलसमुणामहिकासवगोत्रादिदोहियद एपप्पधाज्ञामदावार मधिगयापळत गोनमगोत्रतिष्णिसहित दववंसरविषअपनातियाना तेवीस नारकिरवितिका तिमा विमानजता श्रमणतपस्व। ऐस्वयादिगुणसहित । पेक्षेपांवमउपरउनागर नगवंत गोयमसंगोरेटिं-रिसालसमुपाहितिवासाएतियारहिंघातिकातहिासमासगर्वमहावी वजयसनरहलातारयकरपाल कल्याण करूपकह निहातीरक्षकरअपनश्यामफाटानगरकहवा।। मोट कर्मश टिलउतारकर पटिलतीकरिआदिनाधितरतपति बाह्मण ऊमयामनगररऽविषय तिटीशषतदनण्टा सावरमतियारापुतिळयरनिद्दिाहामाहणावं डयामरणयाराधसत्तदक्षस्स विश्नामिवह्माण कोमालसनामामात्र तेहना नार्या देवानंदाणिनामि बाह्मण जालंधरगोपनी धरणहारि तेहन न उधरण दार तेहनश्कूष माहरणस्माकाडालसगोत्रस्मसारियाणादवाणदायामाहणायाजालधरस्सः अथवाग्राहारपरि पूर्वराजावरखकालममरश्विषाधीरात्रि दस्ताज्ञराउतराफालगुनीनामनध्यवरशविषश्चमाजोगियाराधकामत परवता गईआधाराविधाकनीमधाराविरइविषा। विश्वका हारयण करी गोलागायबरयानालसमनि हललारातियानगोजागामायण NEHATRISHULIANSIgetSHANE-ARJAadSANSAdress vidsurse AdSUBASIPage Navigation
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