Book Title: Kalpa Sutra
Author(s): Bhadrabahuswami,
Publisher: Nagor
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वैमानिकसंबंधायजा देवानउ बला देवानउ वलीअक्षिपनिकर्म मगलादिवसानो मानिधनाया
रमाकाम अग्रेसरपणन करवा जपणठ नवये। गारवाणयादवीयायादेवयारवधामामिला पवकपद महरका यिस्कराइश्वरपतवेषणसेनायति अनेरातारा आपपालकममा मदना मापानकाय उकरश्श्गु रुकनुषण नकर्मधान्याश्वधानसेनायत्पयाणकरावत: नायासगलाना गाढवावश्करा
उकर 30 हामहरिगेवाग्राणाईसरासपावचीकारमाणपालमारणामदयाहयन ननिरंतरये चादिवतंबावीणातलद मजरा उटिनधाक घनुमृदंगमेघ पटुपड पहढा इत्यादिकवादिव देवजानाचिनदे प्राप्त मारकगीत घानामााहणा माना नावादिना निसमानमादल बडे लनवश्सवकरामाहत माया हगीयवाश्यतंतीतलताल डियघणमयंगपडपडदवाइरवणांदिवाईतोगः विकातोमानतो तोगवतउधकउकालप्रतिय
तवला गमाता परिपूर्णकलोका जंबूद्दीपनामाहीयविपुलिविस्तील गलागकहवाई कामाव
र का जि पूरा करवा अवविज्ञानश्करीदेषतः लोगाईजमाणे विदेश मंचणकावलको बुद्दावंदा विशालणं तिह) देषई वलीतिहां श्रमणतपस्वा खयादिगुण मोटउसुनटक जैनूनामाघीपर सरत
"महिनतावत मनुजयपका विषय उहिणाबालाएमाणे निरातिसमणेतगर्वमहावीराङबुहावदाव देवमाहे दष्यणाई सस्तर विष बाह्मण ऊम ग्राम नगररविषश्ऋषत दक्ष नामा बाह्मण तेहनत नारदेवासेदादिमहाराहामाहणजेडयारमणमारासतदन्तस्समादणस्मः
घका

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