Book Title: Kalpa Sutra
Author(s): Bhadrabahuswami,
Publisher: Nagor
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रहा
सयनलाविशेषणसवाद
पत्रपतिहि वरधानध्य एवउ सम्पम् तेहनाधर व्यागयउघानीया रागादिकना अनेरानइतव्यस आपसमा स्लाअाश्रीकयात्रागिला
तकटऊधायकजाईन सम्पग केवल गहारतिया कर्मधासंसारातब प्रायजीपण वनइरागादिक रसमुतरी तयावरबाआमारपाराषदकावरीचा केवलनशीनममा कटवालेयांदारतियातनाआमावणहार पारपात णकहई। रणरहित बरा ज्ञान
अवजा करायऽतियांनाणी सीसम्मका तियात्सरणीनमस्कातयात तक नमस्कार रजवारजवानमस्का लादिशमला
आस्वीकारागिला सितपूणाजता अध्ययय अप्पडिायवरणाणादसरगधराणावियजेब्लेमारणीडिणारगडावयागीतिरमा मा
सिकावळाअाश्रीकदया घबाधितपरिपूपिणा
- अनेरानस श्रापमानतच अनेरानश्बाध श्रापकर्म अनेरायनस सवनुसामान्य सामान्यरुपतास सर्वाय विशेषणक सशायशागतोमाटम सारसमुहतर रूानियां जीवा विकतच पका का वनइन्कमध विशेषपनाईक वैवसादषातसर्व शेवर उवासघुश्ययाणेमामंतिगु
नाश्यामापरि सणानमस्का परीउवश्वशति शातियात कामूकावत राजापतसर्वज्ञदशातियोलणीनमाहतप सकिन्तरणमुराणमयान
तयारणानमा रजवप यानणानमस्का मानमरका यालणानभरपा कहवाश्सा स्कार निपुणवादासाचाराएते रज्व रजवरजवाजवी
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मानकपुनसक्नदोषनला गातारयाणाबधाणबाहयारणामुत्राणीमायगाणीसवणूरगासवर्दसागासिव
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चलनकिया रोगरहित मतलासंसारर अर्धवाधनपरम वलीससारमाहअवतार परवाता नामययनान प्रान क४५ रहणपदण पणऊंना विषयवा हिलपणापाम्याप्रकरण नानावती कर्मरूप क्तसिलिंग येहनश लाघयोजन ऊनाचल मनमरीर नस्वरुपताअषयमा पाऊतीआवाबाजमारकारणतेत्ता तिमाक्षरुपमाणसिक प्रमाणमि1ि51198431NJASUll
कहीय नश्यत्ताव पणाऊंना दिअपर्यव धारहितजाणव करणपणातीमहा पगति घेत्ररूपतिही प्रम्पतिहIANTUS/MAN S HNONay
वतरइममारमा MusalDLमयलमसरामसातमक्रयमब वादामपपरा शामतामाधयानाराम MAHESERTAINMEMADNEPARAMMANAYAM
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