Book Title: Kalpa Sutra
Author(s): Bhadrabahuswami, 
Publisher: Nagor

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Page 16
________________ सगकेसणीनमय आपणाकतवमान आदिना नमस्कारंजवनम् ॥र देतणीईटी वसामयसी करणहारा निधन NAGER-दिकमुणेसदिततेस घुनाअपेध्याइनि त्पवधकई अबलिहाधवनाइवेअकरा दिवशष्टसगलाई १४श्वनाकाथागततयोर्कज्ञानम मिशआपकाईआपणाती नेइमवष्यमाणकहतउहणकदा उजाणवी मध्यमाणकहतउहाणकदउजायका कर्मरूप वशदणश्ते जिनुरुपवियश्यान छात्रीधर्मेस्वययोनिमस्कार रहता हातमायाशा विराम्प पर विश्वा दिनाकरणहारतियारणीन वाक्षसचिसोलारअवि अरिदैतकर्मरूपबाज अवअमितकमरुपतामसारिमाहेनहीअवरश्तेअसहता गडलिंकहाएवंवयासीनमोलणावरहतापासगवंताणायागराणाति मनायनुर्विधमाधु स्वयंपादासयाषश्बु पुरषमाहे असाधारण कर्मशिनुरविषश्करपणा...पुरुषमादेवरवधानपुंडरी सूर्य यानियावाववरजीर साधाश्रावक श्राव नेहन्याततवातस्वयं गीलीयगुरणेकरीव जातीपरीबहसहिवार विषा कवलकमलमापरिजिमक कारूपमघयवा स माखयसबुझ शिनातपसषोत्रम सावझयपाजताउपसरिशव मलकादममादि उपजश्या यानासतरपवरतशतलग पक्षप्तगाणधरनेटता त णी तिगाव बनिसयपणानीपुरुषसि पाश्ववपश्वावस्कार नसंपदा१॥२॥ करणहारइसानाधनस्कारजवनसंपता नमस्कारजना घावातियाप्ररुपसिंघत्त पाणीउपररहन तिमलगवं माकरणहारत्तणीनमस्कारजव 3 पान मस्तरऊवज्ञानकमपकाश्पनातोगन छगराणासयंसबुधाणीपुरिसानमाणापुरिसंसाहारगापुरिसवर पुंडरीया लिवध्याप पुरषमाहवरखधानगंधहस्ती नव्यालाकमाहि३४लयलोकनाधाया एकंडियादिक धारणा उज्ञवावा समाननिमगंधहस्तानगंधबी तिशययुक्तपणाऊनी ग्यमकारिवणरूपालाकनश्प्रत्यु SIOHITED कामिछप जागजन्नानातिमनगवंतनाउनमालाकानमनातलोकनाव तरध्यानाकरणपणा जनातिया विहारपवनजताईतिमरि नियोत्तमा नमस्कार कहवाशतयारणा तालोकहिततियानमा MAHARMA उघड तिध्ययरवकदिम्पुभव। HAWAHAAS मस्कारOMPIRO जनालशित पुरुषवरगंजपानमस्कारजवधा नमस्कार H ITERTAINMELAPELA CANAसायशालाANTEगालोमानिया 1524 AASingapMUSIC LISHINGIday914 हमनाशEAaiMARATHI R ILASRHANIPUlaghaneradinMEAE मापद 2018 A was

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