Book Title: Kalpa Sutra
Author(s): Bhadrabahuswami, 
Publisher: Nagor

View full book text
Previous | Next

Page 10
________________ Arma aदपाल समकालिननिकला सिवायामारेय सिष्पाअध्वरस्वाप यज्ञादिका विजयपरामपठेदनामविपरियणELEमासस्पति आतवाकरणरविषई अयनदपायनउजरा गुणितशास्वनउजाण देसकशास्तेदनजाण नलचमुघ विनिरूपकशावृतियां न जाण यातिपयदचकादिकना होजाण नणाविवईकरीषघ सारासखाणासिरकारणासिरकांकण्यावागरणाबदसातानाइसामयण विस्तरअर्धपबंधतेद जीवकाअनेरानश्च सस्वासूचादिकनम अनेरा घणावातणवेदव्यामानरुप परिवाजकनाशा नाम गीतराविक तेस्मारण प्रवाव्राह्मणसंबंधायाशासरविषई स्वरविष अत्यत पारनिश्तेिदवनेदरहस्यकटकरणका निरिणकारािनाजाणाशिधानिमार जाणजस्पई की उदार डाववारकाधवायात किहाएकवारपश्मा एक म एमसुयबसुनंतामणीयरिवाश्यगएमासुपरिणहिण्यावित विस्मातउरोलाण , रस्वरूपनउजापा उपागतिहीवारकत्रम प्रधान देदेशानुपिय जालगन अवारकत्र धान रोपियनान्माईनीरोगपण संताप घर आउषउ मागलय कल्याणनाकरणदारहता देदेवानु अनेरानइलपा शास्त्र पावधकमानेषेधका तई करणहार पियेमा नईधारवासमा रकबापन उन्मादवाणुपियाडायारोग'उहिदादास्यामंगलकल्लाणकारगाणंजामसु मकदादाता वारवार अनुमोदृश्यसमा कमानारदवीनदा ... ब्राह्मणी मधमदन बाह्मण कन मिणादिशाासुद्याश्णुबूदर्शतय सादिवाणंदामाहणीनसत्तदासमाहण प्रहवअर्थमानेका कानकरी हियामा अव हरषासनाप जाल दियउयेहनहाकरी.कीय दमनमस्तक मानला धारी अधोसम्यकपकार व ग 363 र विषई 1001010 तिएएयमहसोचाणिसम्महमजावहिययाकिरयलपरिग दियादसा SHTRIAN SWANEgals 1941 भावसम्यष माघई द्वाघजोनिवउ करीषनदत वाहाणपति मकहताजगनाएपपगड टाप्रोटिना करी बनवा प्रकटताकई श्मशज एवचनवउबहादेवामा RECENE RAMAINMपाहाणयात नमाINE maaaash masa मामालियाचा माढायचंगामयादवMAL E TTISide ASSISTED IMAG11449141STER PUNHMIKAadiHITTHPHRESULT

Loading...

Page Navigation
1 ... 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 ... 234