Book Title: Jiva Ajiva
Author(s): Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 151
________________ १४२ ६. ७. ८. ६. भंगे रूके कोटि का नाम पांच कोटि त्यागकरूं नहीं वचन से, काया से । कराऊं नहीं मन से, वचन से, काया से । छह कोटि त्याग करूं नहीं मन से, वचन से, काया से । कराऊं नहीं मन से, वचन से, काया से । सात कोटि त्याग करूं नहीं मन से, वचन से, काया से । कराऊं नहीं मन से, वचन से, काया से अनुमोदूं नहीं काया से । आठ कोटि त्यागकरूं नहीं मन से, वचन से, काया से । कराऊं नहीं मन से, वचन से, काया से अनुमोदूं नहीं वचन से, काया से । नौ कोटि त्याग-करूं नहीं मन से, वचन से, काया से । कराऊं नहीं मन से, वचन से, काया से। अनुमोदूं नहीं मन से, वचन से, काया से । Jain Education International रूकने वाले भंगों का विवरण ११ १२ १३, २१ २२ २३, ३१ ३२ ३३ १३ ५४१२१ २१ ६६२३ २१६६२३३१ B २५७६२५३११ ३३ ८ ७२७५१२१ ४६ ६ ६३ ل w For Private & Personal Use Only जीव-अजीव M m www.jainelibrary.org

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