Book Title: Jiva Ajiva
Author(s): Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 168
________________ १५६ ५.किन्हीं पांच प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में दीजिये । एक प्रश्न का उत्तर एक पृष्ठ से अधिक न हो । (क) संक्रमण या उदय को समझाइये। (ख) देश हिंसा और सर्व हिंसा को स्पष्ट कीजिये । (ग) १३ और ३२ के अंकों के विकल्पो (भंगों) के नाम लिखिये। (घ) पुण्य-पाप तथा बन्ध का अन्तर बताइये। (ङ) शब्द को पौद्गलिक कहने का क्या कारण है? (च) द्रव्येन्द्रिय और भावेन्द्रिय का अन्तर स्पष्ट कीजिये? (छ) वैक्रिय काय योग किन-किन अवस्थाओं में होता है? .निम्न प्रश्नों में से किन्हीं चार के उत्तर दीजिये(अ) सृष्टि-रचना के सम्बन्ध में जैन दर्शन के विचार लिखिये। (आ) गुणस्थानों के निर्माण का आधार बताते हुये पांचवें और बारहवें गुणस्थान की जानकारी दीजिये । (इ) सिद्ध किजिए कि आत्मा अमर है। (ई) द्रव्य और भाव लेश्याओं की परिभाषा बताते हुये इनका स्पष्ट रूप समझाने के लिये दिये गये दृष्टान्त का प्रयोजन भी बताइये। (उ) ब्रह्मचर्य या अपरिग्रह अणुव्रत पर टिप्पणी लिखते हुये इनकी उपयोगिता समझाइये। (ऊ) सकाम और अकाम निर्जरा को समझाते हुये यह भी बताइये कि विनय को आभ्यन्तर तप क्यों कहा गया है? ४० Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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