Book Title: Jinvani Guru Garima evam Shraman Jivan Visheshank 2011 Author(s): Dharmchand Jain, Others Publisher: Samyag Gyan Pracharak Mandal View full book textPage 4
________________ जिनवाणी || 10 जनवरी 2011 || जिनवाणी गुरु-गरिमा एवं श्रमण जीवहा विशेषाङ्क दिसम्बर 2010, जनवरी 2011 वीर निर्वाण सम्वत् 2537 मार्गशीर्ष-पौष, सम्वत् 2067 वर्ष-67 अंक-12 एवं वर्ष-68 अंक-1 प्रकाशक विरदराज सुराणा मंत्री-सम्यग्ज्ञान प्रचारक मण्डल दुकान नम्बर 182-183 के ऊपर, बापू बाजार जयपुर-302003(राज.), फोन नं. 0141-2575997, फैक्स 0141-2570753 E-mail:jinvani@yahoo.co.in संरक्षक अखिल भारतीय श्री जैन रत्न हितैषी श्रावक संघ घोड़ों का चौक, जोधपुर (राज.), फोन नं. 0291-2636763 संस्थापक श्री जैन रत्न विद्यालय, भोपालगढ़ सम्पादकीय सम्पर्क सूत्र 3 K 24-25, कुड़ी भगतासनी हाउसिंग बोर्ड जोधपुर-342005(राज.), फोन नं. 0291-2730081 भारत सरकार द्वारा प्रदत्त रजिस्ट्रेशन नं. 3653/57 डाक पंजीयन सं. RJ/JPC/M-07/2010-11 सदस्यता-शुल्क स्तम्भ सदस्यता ₹11,000 संरक्षक सदस्यता ₹5,000 आजीवन सदस्यता देश में ₹500 आजीवन सदस्यता विदेश में ₹5,000 त्रिवर्षीय सदस्यता ₹120 इस विशेषाङ्कका मूल्य 1100 ड्राफ्ट 'जिनवाणी' जयपुर के नाम बनवाकर उपर्युक्त पते पर प्रेषित किया जा सकता है। मुद्रक : दी डायमण्ड प्रिण्टिग प्रेस, मोतीसिंह भोमियों का रास्ता, जयपुर, फोन नं. 0141-2562929 नोटः यह आवश्यक नहीं कि लेखकों के विचारों से सम्पादक या मण्डल की सहमति हो। Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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