Book Title: Jinprabhsuri ane Sultan Mahommad
Author(s): Lalchandra Bhagwan Gandhi
Publisher: Jinharisagarsuri Gyanbhandar

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Page 4
________________ लेखरूप प्रथम आवृत्तिनापत प्रकाशकनुं वक्तव्य. ney " महान सम्राट्सत्ता उपर अपूर्व प्रभा पाडीने तीर्थो अने शासनसमृद्धिनुं संरक्षण करनारा धुरंधराचार्य जैनज्योतिधर श्रीहीरविजयसरिना प्रसिद्ध इतिहासथी पण में लगभग २५० वर्ष पहेलां एटले विक्रमनी चौदमी सदीना उत्तरार्धमां मुस्लीम आक्रमणना विषम युगमां परम प्रभावक श्रीजिनप्रभसूरिए सुलतान महम्मद उपर पाडेली अजब प्रभानो अप्रगट इतिहास आलेखमां बहु जीणवटथी अने विस्तारपूर्ण टिप्पण-टीका साथे प्रगट करवामां आव्यो छे. जो के आ लेख छेक असूरे मळवाथी तेनो केटलोक भाग छोडी देवो पड्यो छे; छतां लेखकना संस्कृत-प्राकृत अभ्यास अने वडोदराना ओरीएन्टल खाता द्वारा संशोधनना मेळवेल ऊंडा अनुभवनो लाम समाजने आ लेखथी मळ्शे-तेम खात्री छे." -संपादक 'जैन' —'जैन' रौप्य महोत्सव अंक ॥ Lh वि. सं. १९८६ [पृ. २१९] । Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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