Book Title: Jinprabhsuri ane Sultan Mahommad
Author(s): Lalchandra Bhagwan Gandhi
Publisher: Jinharisagarsuri Gyanbhandar

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Page 8
________________ श्रीशत्रुजय तीर्थ पर (खरतर-वसहीमां) रहेली मूर्ति परथी तैयार करावेल प्रस्तुत जिनप्रभसरिनो फोटो अहिं समुचित लागशे. प्रबल इच्छा होवा छतां पण योग्य प्रतिकृति प्राप्त न थवाथी सुलतान महम्मद (तुगलक)नो फोटो अहिं न मूकातां न्यूनता लागशे, परंतु ते माटे निरुपाय छं. जिनचंद्रसूरि अने सम्राट अकबरना नामे प्रख्याति पामेलुं चित्र, चरित्र-प्रसंग विचारतां म्हने तो जिनप्रभसूरि अने सुलतान महम्मद(तुगलक)नु होय, तेम लागे छे. विशेष वक्तव्य न करतां जिज्ञासुओने सूचवीए केविषयानुक्रम, ऐतिहासिक नामोनी अनुक्रमणिका, ऐतिहासिक घटना-निर्देशक संवत्सर-सूची विगेरे योजनाओ साथे आ निबंध, इतिहास-प्रेमीओने विशेष उपयोगी थशे-एवी आशा छे. आ ग्रंथ-रचनामा उपयुक्त थयेला ग्रंथोनुं सूचन, ते ते स्थळे करवामां आव्युं छे. श्रीयुत अगरचंदजी नाहटा जेवा जे इतिहासप्रेमीओए आ प्रकाशनमा प्रत्यक्ष के परोक्ष प्रेरणा, सहायता के सहानुभूति दर्शावी छे, ते सर्वनो हुं आभार मानुं छं. संकलनामां अने संशोधन-प्रकाशनमां बनी शकी तेटली सावधानी राखी छे, छतां आमां कोइ स्खलना दृष्टि-गोचर थाय, तो ते साक्षरो मने जरूर सूचवे, पुनः प्रसंगे ते सुधारी शकाशे. सज्जन विद्वानो आनुं निष्पक्षपात दृष्टिथी साद्यन्त अवलोकन करो, अने ग्रन्थ-रचनाप्रकाशन-परिश्रम सफल थाओ-एम इच्छं छं. वि. सं. १९९५ विद्वदनुचरअक्षयतृतीया वडोदरा. लालचंद्र भगवान् गांधी. Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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