Book Title: Jinprabhsuri ane Sultan Mahommad
Author(s): Lalchandra Bhagwan Gandhi
Publisher: Jinharisagarsuri Gyanbhandar
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जिनप्रभसूरि अने सुलतान महम्मद.
( ले. पं. लालचंद्र भ. गांधी. प्राच्यविद्यामंदिर, वडोदरा )
पोतानी विद्वत्ता अने सच्चारित्रताथी जन-समाज पर उपकार करनारा, जैन-शासननी कीर्ति-पताका फरकावनारा, जैन-शासनना उज्ज्वल गौरवने प्रकाशित करनारा, जनसमाजमां अने राजा-महाराजाओमां हिंदु राजाओ अने मुसल्मान पातशाहो पर अपूर्व प्रभाव पाडनारा प्रभावशाली जे जे प्रभावक महापुरुषो थई गया छे; तेमां जिनप्रभसूरिनुं विशिष्ट स्थान छे. ___विक्रमनी चौदमी सदीना उत्तरार्धमां-मुसल्मानी आक्रमणना भयानक विषम युगमां, दिल्लीश्वर सम्राट् महम्मद तुघलक पर अनुपम प्रभाव पाडी जैनसमाजने निरुपद्रव बनावनार,
जैन-तीर्थो-मंदिरोने तुरकोना दुःखद विप्लवोमांथी बचावी निर्भय करनार, तुरकोना कब्जामां गयेल शासन-नायक महावीरना बिंबने सत्कारपूर्वक पार्छ वाळी प्रतिष्ठित करनार, जन-समाजने सुरक्षित करनार, सुलतान महम्मद तघलकथी सन्मानित थयेला आ सत्पुरुषने आपणे कमभाग्ये हजु यथार्थ रूपमा ओळखी शक्या नथी; एथी आ लेखद्वारा ए आचा
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