Book Title: Jinabhashita 2004 11
Author(s): Ratanchand Jain
Publisher: Sarvoday Jain Vidyapith Agra

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Page 29
________________ प्रिय, यह मंत्रालय साम्प्रदायिक सद्भाव एवं शांति बनाए रखने के बारे में केन्द्र सरकार की प्रतिबद्धता तथा इस संबंध में कानून प्रवर्तन करने वाली एजेंसियों, विशेषकर राज्य कानून और व्यवस्था तंत्र द्वारा निभाई जाने वाली सतर्क भूमिका के संबंध में समय-समय पर ध्यान आकृष्ट करता रहा है ताकि हमारे समाज के बहुभाषी, बहुजातीय, बहुधर्मी स्वरूप को बनाए रखने के लिए साम्प्रदायिक ताकतों पर प्रभावकारी ढंग सेअंकुश लगाया जा सके। हाल के वर्षों में कई बार ऐसे अवसर आए हैं जब साम्प्रदायिकता के विष के कारण हमारे देश के धर्म-निरपेक्ष स्वरूप तथा इसकी एकता एवं अखण्डता के लिए खतरा पैदा हो गया। साम्प्रदायिक सद्भाव बनाए रखने तथा इसे बढ़ावा देने के लिए केन्द्र सरकार ने कई कदम उठाए हैं तथा राज्य सरकारों को दिशा-निर्देश जारी किये हैं। इसके अलावा, संसद ने भी पूजा स्थल (विशेष उपबंध) अधिनियम, 1991 अधिनियमित किया था ताकि किसी पूजा स्थल के सम्परिवर्तन सेवा में, सत्यमेव जयते शिवराज पाटील गृहमंत्री, भारत SHIVRAJ V. PATIL गृह मंत्री, भारत HOME MINISTER, INDIA रोका जा सके और यह व्यवस्था की जा सके कि किसी पूजा स्थल का धार्मिक स्वरूप वैसा ही बना रहे जैसा कि वह 15 अगस्त, 1947 के दिन था। साम्प्रदायिक शांति एवं सद्भावना को समाप्त करने पर आमादा साम्प्रदायिक व्यक्तियों एवं संगठनों की गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम था। २. यह कहने की आवश्यकता नहीं है कि हमें इस अधिनियम के उपबंधों को कड़ाई से और प्रभावी ढंग से लागू करना है और यह काम राज्य सरकारों के कानून एवं व्यवस्थातंत्र की वचन बद्धता एवं सहयोग के बिना संभव नहीं हो सकता है। ऐसा करते समय, राज्य सरकारों को यह भी सुनिश्चित करना है कि इस अधिनियम के उपबंधों को चयनात्मक आधार पर क्रियान्वित न किया जाए और यह कि इसे किसी भी समुदाय के प्रति भेदभाव अथवा विद्वेष की भावना से लागू न किया जाए। ३. अतः मेरा आपसे पुन: विनम्र निवेदन है कि आप अपने राज्य में इस अधिनियम के कार्यान्वयन के स्वरूप और तरीके की पुनरीक्षा करें। विधि प्रवर्तन एजेंसियों को यह सुनिश्चित करने की सलाह दी जानी चाहिए कि वे अधिनियम को लागू करने का अपना काम कड़ाई से और बिना किसी पक्षपात के करें। इससे किसी के मन में, विशेष रूप से अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के मन में, यह संदेश पैदा नहीं होना चाहिए कि यह कदम उनके विरुद्ध किसी तरह के राजनैतिक, प्रशासनिक या किसी अन्य उद्देश्य अथवा पूर्वाग्रह की भावना से उठाया जा रहा है। 1 सादर, कृपया इस संबंध में किये गए अपने प्रयासों से हमें अवगत कराते रहें। मैं आपको एक बार पुनः आश्वस्त करना चाहता हूँ कि केन्द्र सरकार हर हाल में साम्प्रदायिक सद्भाव एवं शांति बनाए रखने के लिए वचनबद्ध है और मुझे विश्वास है कि आप भी अपनी इस जिम्मेदारी को समझते होंगे। ५. मैं आभारी हूँ यदि आप इस संबंध में की गई कार्रवाई से अवगत कराने का कष्ट करें। अ.शा.पत्र सं. 13011/3/2004 एन. आई. III Jain Education International सभी राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के मुख्यमंत्री For Private & Personal Use Only भवदीय हस्ताक्षर (शिवराज पाटील ) नवम्बर 2004 जिनभाषित 27 www.jainelibrary.org

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