Book Title: Jinabhashita 2002 12
Author(s): Ratanchand Jain
Publisher: Sarvoday Jain Vidyapith Agra

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Page 24
________________ शाकाहार की बहार आज पश्चिमी देशों में प्रश्न उठाया जा रहा है कि क्या | मांसाहार करने वालों की तुलना में सलाद, फल और सब्जियाँ स्वस्थ रहने के लिए शाकाहार जरूरी है? अमेरिका और योरोपीय | खाने वाले अधिक नैतिक, शान्त और समझदार होते हैं। इसी तरह देशों की यह पारम्परिक मान्यता कि मांसाहार स्वास्थ्य के लिए पेन्सिलवेनिया विश्वविद्यालय के पाल रेज़िन का कहना है कि जरूरी है, आज सहसा वैज्ञानिकों एवं चिकित्सकों द्वारा कठघरे में | लगभग सौ साल पहले मांसाहारी भोजन स्वास्थ्य के लिए जरूरी लाई जा रही है। इन देशों में मांसाहार भोजन शैली का अपरिहार्य | माना जाता था, पर आज के बच्चे इस पीढ़ी की उस संस्कृति में हिस्सा है। मांस के दर्जनों रूपान्तरित उत्पाद इन देशों के राष्ट्रीय | पहली बार आए हैं जहाँ शाकाहार सामान्य माना जाता है और इसे आहार रहे हैं, पर अचानक कुछ वर्षों से यह महसूस किया जा | पर्यावरण और स्वास्थ्य के आधार पर सार्वजनिक रूप से बढ़ावा रहा है कि स्वास्थ्य की दृष्टि से भी मांसाहार हानिकारक है। मिल रहा है। अमेरिकी पत्रिका टाइम में तो कुछ लोगों के विचारों को उद्धृत | मांसाहारी उत्पाद से जुड़े उद्योगपति शाकाहार के प्रति नये करते हुए कहा गया है कि पशुमांस या गोमांस एक गंदा भोज्य दृष्टिकोण से चिन्तित हैं । नेशनल पोर्क बोर्ड और नेशनल कैटलमेन्स पदार्थ-आब्सीन क्वेजिन है। शायद इसका कारण मैडकाउ रोग | बीफ एसोसिएशन जो मांसाहार के अमेरिका में बड़े समर्थक हैं, का अव्यक्त भय और ई-कोली नामक बैक्टीरिया के शरीर में शाकाहार से कुपोषण बढ़ने की संभावना की चर्चा कर रहे हैं। फैलने की संभावना भी है, जिसने चिकित्सा जगत में इस तरह के उनके अनुसार इससे कैल्शियम की कमी के साथ-साथ त्वचा में आहार पर नियंत्रण की सलाह दी है। हरी सब्जियाँ, भिगोए हुए पीलापन व बालों का गिरना भी शुरू हो सकता है। दूसरी ओर अंकुरित अनाज, फल और सलाद अमेरिका में आज युवा वर्ग में | आमिष और सामिष भोजन के जारी मीडिया युद्ध में मांसाहार के जिस तरह लोकप्रिय हो रहा है उसने पिछली पीढ़ी के अधेड़ खतरों में कैन्सर, हृदय रोग, मोटापा और बढ़े हुए कोलेस्ट्रोल के लोगों को भी चकित कर दिया है। टाइम ने एक जनमत संग्रह के कारण अनेक गंभीर रोगों के होने की संभावना प्रकट की जाती है। कार्यक्रम में 10,000 वयस्कों के विचारों के आधार पर यह निष्कर्ष पर्यावरण संरक्षण से जुड़े विशेषज्ञ शाकाहार को स्वाभाविक मानते निकाला है कि इस समय लगभग एक करोड़ अमेरिकी शाकाहारी हुए कह रहे हैं कि जितना अनाज मांस को प्राप्त करने के लिए हो गए हैं और दूसरे दो करोड़ कभी न कभी शाकाहारी रह चुके पशुओं के पालन में खिलाया जाता है उससे 800 मिलियन लोगों हैं। एक जमाना वह था जब मांसाहार के पक्ष में शाकाहारियों की | का भरण-पोषण हो सकता है और यही अन्न यदि अमेरिका खुलकर भर्त्सना की जाती थी, जैसे कि शाकाहारी ज्यादा दिन निर्यात करे तो प्रति वर्ष 80 विलियन डालर की विदेशी मुद्रा कमा जीवित नहीं रहते हैं और वे शुरु से ही बूढ़े लगते हैं और यदि पशु | सकता है। कौरनेल विश्वविद्यालय के डेविड पीमेन्टल ने यह खाए जाने के लिए नहीं बने हैं तो उन्हें मांस से भरा-पूरा क्यों निष्कर्ष हाल के अध्ययन में दिया है। उनके अनुसार मांसाहार के बनाया गया है? रेच या डेरी फार्म के मालिक तो, पत्र-पत्रिकाओं | लिए पाले हुए पशुओं से प्रति किलो ग्राम मांस पाने के लिए में यहाँ तक प्रचार करते थे कि यदि शाकाहारियों की संख्या | 10000 लीटर पानी खर्च होता है जबकि इतनी ही सोयाबीन की बढ़ेगी तो हम लोग दिवालिया हो जाएंगे, पर आज अमेरिका में ही | मात्रा उपजाने के लिए 2000 लीटर जल खर्च होता है। डेविड लाखों लोग गाय या सुअर के मांस के अलावा मुर्गे या मछली पीमेन्टल ने एक और आश्चर्यजनक तथ्य प्रकाशित किया है। खाना भी छोड़ रहे हैं और इसको अमानवीय और अनैतिक भी उनके अनुसार पशुधन की संख्या, जिसमें गाय, भैंस, मुर्गी, तीतर, मानते हैं। अमेरिका डाइटेटिक संगठन अपने प्रचार साहित्य में भेड़ और सुअर शामिल है, अमेरिका की कुल जनसंख्या द्वारा लिखता है कि शाकाहारी भोजन स्वास्थ्य की कुंजी है, क्योंकि | प्रयुक्त अनाज से पाँच गुना अधिक अन्न खा जाते हैं । अमेरिका में वह पोषण के लिए पर्याप्त होने के साथ-साथ कई रोगों से लड़ने | जितनी गाजार या दूसरी सब्जियाँ व मक्का जैसा अनाज पशुओं में भी सहायक होता है। बच्चों से लेकर बूढ़ों तक हर आयु और | को खिलाया जाता है उससे आधे अफ्रीका महाद्वीप का पेट भरा हर तरह का श्रम करने वालों को भी सही शाकाहारी आहार | जा सकता है। आज कल निरीह पशुओं के अधिकारों की चर्चा मांसाहार की तुलना में अधिक स्वस्थ्य रख सकता है, यह अनेक | भी संवेदनशीलता से की जा रही है। जानवरों से प्यार और लगाव अमेरिकी डाक्टरों का निष्कर्ष है। बच्चों, किशोरों और युवाओं में के कारण भी अमेरिका में मांसाहार पर पुनर्विचार हो रहा है। नैतिक आधार और गाय या दूसरे शान्त पशुओं के प्रति प्यार खाद्य पदार्थों का स्वास्थ्य पर प्रभाव तथा सब्जी और फलों द्वारा बढ़ाकर भी मांसाहारी बनने से रोका जा सकता है, इसकी वकालत विभिन्न रोगों की चिकित्सा के विषय में अमेरिका में चिकित्सकों कुछ अमेरिकी पत्र कर रहे हैं। टीनेज रिसर्च अनलिमिटेड नामक द्वारा जिस प्रकार शोध की जा रही है वह विस्मयजनक है। अमेरिका एक संस्थान ने एक सर्वेक्षण के आधार पर बताया है कि 25 में होने वाला यह परिवर्तन काफी महत्त्वपूर्ण है। यद्यपि वहाँ प्रतिशत अमेरिकी किशोर और अवयस्क, माता-पिता के मांसाहार शाकाहारियों का प्रतिशत अभी भी नगण्य है, पर अधिक से के आग्रह के बावजूद शाकाहारी बनना पसंद करेंगे। एरिजोना स्टेट यूनीवर्सिटी के मनोविज्ञान के दो प्रोफेसरों रिचर्ड स्टीन और अधिक लोग शाकाहार की ओर आकर्षित हो रहे हैं। केरोल नेमेरोफ ने एक अध्ययन द्वारा यह निष्कर्ष निकाला है कि ___ 'जिनेन्दु' समाचार पत्र से साभार 22 दिसम्बर 2002 जिनभाषित Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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