Book Title: Jinabhashita 2002 12
Author(s): Ratanchand Jain
Publisher: Sarvoday Jain Vidyapith Agra

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Page 31
________________ बूचड़खाने बनाना, साथ ही 50 शहरों में सूअर मारने वाले कत्लखाने खोलना तथा 1000 चिकन ड्रेसिंग केंद्र खोलना आदि के अलावा मांस उद्योग को प्रोत्साहन देने वाले अनेक सुझाव भी दिए गए थे। अनेक अप्रत्यक्ष दबावों एवं देश के अनेक सक्रिय व्यक्तियों, संस्थाओं एवं साधु-संतों के प्रबल विरोध के चलते डॉ. चिरंजीलाल बगड़ा के लिखित प्रतिवाद को आधार बनाकर योजना आयोग ने उक्त उपसमिति के प्रस्तावों का पुनर्मूल्यांकन कराना स्वीकार किया तथा अंतत: उन्होंने नए बूचड़खाने निर्माण की समस्त प्रस्तावित योजनाओं को अस्वीकृत कर दिया। योजना आयोग ने अधिकृत सूचना जारी कर इसकी पुष्टि भी की है। योजना आयोग ने स्पष्ट घोषणा की है कि उक्त रिपोर्ट में सदस्यों की व्यक्तिगत पक्षविपक्ष में राय देखते हुए मांस उपसमिति की सिफारिशों को योजना आयोग अमान्य घोषित करता है।' अहिंसा की संगठित शक्ति की यह एक महत्त्वपूर्ण विजय है। हमें आगे भी इसी प्रकार सक्रिय एवं संगठित बने रहने की बेहद आवश्यकता है। डॉ. चिरंजीलाल बगड़ा, 46, स्ट्राण्ड रोड, कोलकाता म.प्र. में अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थाओं को पूरी मदद दिग्विजय सिंह मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने घोषणा की है कि मध्यप्रदेश में अल्पसंख्यकों की शैक्षणिक संस्थाओं की स्थापना के लिये हर संभव सहायता दी जाएगी। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में ऐसी संस्थाओं को शुरू करके लिए राज्य सरकार द्वारा मुफ्त जमीन के साथ-साथ एक करोड़ रुपये की ग्रान्ट दी जाएगी। श्री सिंह ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के संस्थापक सर सैयद अहमद खान के 185 वें जन्मदिन पर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि कक्षा सात से पोस्ट ग्रेजयुट स्तर तक की ऐसी संस्थाओं को मध्यप्रदेश सरकार पूरी मदद देगी। श्री सिंह ने कहा कि साम्प्रदायिकता की राजनीति देश के सामने सबसे बड़ा खतरा है। साम्प्रदायिक संघर्ष को बढ़ावा देने वाली राजनीति को तत्काल रोकने की जरूरत है। साम्प्रदायिकता और धार्मिक कट्टरवाद की दोहरी समस्या से निपटने के लिये सैयद अहमद खान के आदर्शों का पालन किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री श्री सिंह ने कहा कि देश में साम्प्रदायिता के माहौल को समाप्त करने में बहुसंख्यक समाज को अग्रणी भूमिका निभाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि किसी भी राज्य के मुख्यमंत्री में यदि दृढ़ इच्छाशक्ति हो तो कोई कारण नहीं है कि साम्प्रदायिक तनाव फैलाने वाले मुट्ठीभर लोगों को न रोका जा सके। उन्होंने कहा कि कानून का पालन कराने वाली मशीनरी को साम्प्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने वाले प्रत्येक व्यक्ति को अपराधी मानकर व्यवहार करना चाहिए न कि उसे हिंदू या मुसलमान मानकर उन्होंने कहा कि साम्प्रदायिकता को रोकने में असत्य जानकारी और अफवाहों के प्रति कानूनी व्यवस्था बनाने वाली एजेंसियों को सजग रहना चाहिए। बाद में पत्रकारों से चर्चा Jain Education International में श्री सिंह ने कहा कि एनसीईआरटी द्वारा तैयार की गई उन पाठ्यपुस्तकों को पाठ्यक्रम में शामिल नहीं किया जायेगा जिनमें इतिहास को तोड़-मरोड़ कर प्रस्तुत किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रतिष्ठित विद्वानों का एक पैनल गठित करेगी जो इन किताबों की समीक्षा करेगा। इस पैनल की अनुशंसा के बाद ही राज्य इन किताबों को पाठ्यक्रम में शामिल करने की अनुमति देगी। मुनि श्री चिन्मय सागर जी की जीवनी जबलपुर / आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज के सुशिष्य मुनिवर श्री 108 चिन्मय सागर जी महाराज की जीवनी पुस्तक के रूप में दैनिक भास्कर पत्र समूह के स्थानीय संपादक श्री सुशील तिवारी जी तैयार कर रहे हैं। तकरीबन 6 माह से इस श्रमसाध्य लेखन कार्य में तिवारी जी पूर्ण श्रद्धा एवं लगन के साथ लगे हुए हैं। मुनिवर श्री 108 चिन्मय सागर जी महाराज जंगल वाले बाबा के नाम से प्रसिद्ध हैं। मुनि श्री का जहाँ-जहाँ भी चातुर्मास एवं वाचना या अल्पप्रवास हुआ है वहाँ के श्रद्धालु भक्तों से विनम्र निवेदन है कि मुनिवर से संबंधित जो भी जानकारी. स्मरण एवं फोटो उनके पास हों, शीघ्र से शीघ्र अमित पड़रिया (संवाददाता- जिनभाषित) पांडे चौक जबलपुर (म.प्र.) पिन482002 के पते पर भेजने का अनुग्रह करें। फोन द्वारा 652661 पर भी सूचित कर सकते हैं। अमित पड़रिया 'राष्ट्रीय जैन महिला संघ' की स्थापना परम पूज्य सराकोद्धारक 108 उपाध्याय श्री ज्ञानसागर जी महाराज के आशीर्वाद से एवं ब. लवलेश जैन शास्त्री की प्रेरणा से एटा में 4 नवम्बर, 2002 दीपावली के शुभअवसर पर 'राष्ट्रीय जैन महिला संघ' की स्थापना हुई। इस संघ का उद्देश्य धर्म का प्रचार-प्रसार करना, शिक्षण शिविर का आयोजन, कुरीतियों को दूर करना, शाकाहार का प्रचार करना, स्वाध्याय, गोष्ठी आदि कार्यक्रम करना कराना है। 'राष्ट्रीय जैन महिला संघ' का प्रथम आयोजन 'श्री दिगम्बर जैन तीर्थ क्षेत्र कम्पिल जी में जो कि भगवान विमलनाथ के चार कल्याणकों से पूजित है, पंचकल्याणक प्रतिष्ठा के अवसर पर 'भ्रूणहत्या निषेध-अहिंसा - शाकाहार प्रदर्शनी लगाना है। इसकी सहयोगी संस्था' अखिल भारतीय दि. जैन महिला संगठन' एटा के संयुक्त तत्त्वधान में यह प्रदर्शनी लगाई जा रही है। श्रीमती बबीता जैन 'प्रेरणा' जैन नगर, एटा मंदिर के पुनर्निमाण हेतु अनुदान पूज्य मुनि श्री पुलक सागर जी महाराज की पहल पर ग्वालियर निवासी प्रदेश के पूर्व मंत्री श्री भगवानसिंह यादव ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री दिग्विजय सिंह का ध्यान जबलपुर जिले के ऐतिहासिक दिगम्बर जैन मंदिर की ओर दिलाया जो कि -दिसम्बर 2002 जिनभाषित 29 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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