Book Title: Jinabhashita 2002 07
Author(s): Ratanchand Jain
Publisher: Sarvoday Jain Vidyapith Agra

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Page 21
________________ 20. डॉ. भागचन्द्र जैन 'भास्कर' (पूर्व अध्यक्ष-प्राकृतिक | मिश्र (हिन्दी विभागाध्यक्ष, महाकवि केशव एवं अनुसंधान केन्द्र विभाग, नागपुर विश्वविद्यालय, नागपुर, आवास-113, तुकाराम अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय,रीवा म.प्र.)के निर्देशन में की चाल, न्यू एक्सटेंशन एरिया, सदर, नागपुर-440001, महाराष्ट्र) एम.फिल. हेतु सन् 2001 में "आचार्य विद्यासागर और उनके के द्वारा नागपुर विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के अन्तर्गत काव्य : एक अनुशीलन" विषय पर लघु शोध प्रबन्ध प्रस्तुत किया "मूकमाटी: चेतना के स्वर" नाम से डी.लिट. की उपाधि (दूसरी गया। बार) प्राप्त की गई। यह प्रबन्ध ऋषभ कुमार जेजानी द्वारा जेजानी 27. संजय कुमार मिश्रा (द्वारा-कृष्ण चन्द्र मिश्र 'बल्ले चेरीटेबल ट्रस्ट, इतवारी, नागपुर, महाराष्ट्र से वर्ष 1995 में प्रकाशित बसगड़ी', मु.पो. अतरैला नं. 12, पिन-486226 व्हाया-चाकघाट, हुआ है। रीवा, म.प्र.) के द्वारा प्रोफेसर डॉ. कौशल प्रसाद मिश्र (हिन्दी 21. श्रीमती प्रभा सिंघई (द्वारा-श्री प्रकाश 'डूडावाल' विभागाध्यक्ष-महाकवि केशव अध्यापन एवं अनुसंधान केन्द्र, सिंघई मशीनरी स्टोर्स, बड़ागाँव धसान (टीकमगढ़) ने डॉ. के.एल. अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय,रीवा, म.प्र. के कुशल मार्गदर्शन जैन ने (हिन्दी विभागध्यक्ष-शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, में "कामायनी और मूकमाटी महाकाव्य का शास्त्रीय अध्ययन टीकमगढ़ म.प्र.) के मार्गदर्शन में डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, | विषय पर पी-एच.डी. शोधोपाधि हेतु प्रबन्ध आलेखित किया जा सागर, म.प्र. के अन्तर्गत "आचार्य विद्यासागर की हिन्दी साहित्य | रहा है। को देन' विषय पर पंजीयन कराया है। 28. आदित्य कुमार वर्मा (101, बालाजी अपार्टमेण्ट्स, 22. श्रीमती मीना जैन (द्वारा-श्री सुनील जैन, सुनील | 24, टेलीफोन नगर, कनाडिया मार्ग, इन्दौर, म.प्र.) के द्वारा डॉ. किराना स्टोर्स, मेन रोड, ओबेदुल्लागंज-464993 (रायसेन) म.प्र. | संगीता मेहता (सहायक प्राध्यापिका-संस्कृत विभाग, शासकीय के द्वारा बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय, भोपाल म.प्र. के अन्तर्गत विभाग, शासकीय कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय, इन्दौर म.प्र.) डॉ. मधुबाला गुप्ता (प्राध्यापिका-हिन्दी विभाग, सरोजिनी नायडू के निर्देशन में वर्ष 2001 में देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इन्दौर, स्नातकोत्तर कन्या महाविद्यालय, शिवाजी नगर, भोपाल, म.प्र. के | म.प्र.) के अन्तर्गत “आचार्य श्री विद्यासागर जी के शतकों का निर्देशन में एवं डॉ. रतनचन्द्र जैन (पूर्व प्राध्यापक-प्राकृत एवं साहित्यिक अनुशीलन" नाम से लघु शोध प्रबन्ध प्रस्तुत किया तुलनात्मक भाषा विभाग, भोपाल) के मार्गदर्शन में "मूकमाटी गया। का शैलीपरक अनुशीलन" विषय पर पी-एच.डी. का शोध 29. सुश्री निधि जैन 'देवा' (सुमति सिल्क मिल्स,95, प्रबन्ध आलेखित किया जा रहा है। केवल लाइन,दूसरा माला, रूम नं. 10, गायवाटी, कालका देवी, 23. संजय मिश्रा (द्वारा-एस.एस. तिवारी, सुभाष मार्ग, मुम्बई- 400002, महाराष्ट्र) के द्वारा डॉ. के.एल.जैन (हिन्दी उर्रहट,रीवा- 486 001, म.प्र.) के द्वारा अवधेश प्रताप सिंह विभागाध्यक्ष, शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, टीकमगढ़, म.प्र. विश्वविद्यालय, रीवा, म.प्र. के अन्तर्गत डॉ. दिनेश कुशवाह के द्रव्य मार्गदर्शन में डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, हिन्दी विभाग प्राध्यापक-महाकवि केशव अध्यापन एवं अनुसंधान विभाग, अ.प्र. सागर, म.प्र. के अन्तर्गत “आचार्य श्री विद्यासागर जी के 'मूकमाटी' सहं वि. विद्यालय,रीवा के मार्गदर्शन में सन् 2000 में एम.फिल. | महाकाव्य का अनुशीलन' विषय पर पी-एच.डी. उपाधि हेतु का लघु शोध प्रबन्ध “मूकमाटी महाकाव्य में रसों एवं बिम्बों का | शोध प्रबन्ध लिखा जा रहा है। अनुशीलन' विषय पर लिखा गया। ____30. श्रीमती निधि गुप्ता, टीकमगढ़ के द्वारा अवधेश प्रताप 24. सुश्री अमिता जैन (द्वारा-श्री बी.एल.जैन, जनता विश्वविद्यालय, रीवा, म.प्र. हिन्दी विभाग के डॉ. के.एल. जैन इलेक्ट्रिक स्टोर्स, बड़ा बाजार, सागर-470002 म.प्र.) के द्वारा | (हिन्दी विभागध्यक्ष-शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, डॉ.(श्रीमती) सरोज गुप्ता (सहा. प्राध्यापिका-हिन्दी विभाग गर्ल्स टीकमगढ़, म.प्र. के कुशल निर्देशन में "आचार्य श्री विद्यासागर डग्री कॉलेज,सागर म.प्र.) के निर्देशन में डॉ. हरीसिंह गौर | के साहित्य में जीवन-मूल्य" विषय पर वर्ष 2001 से पी-एच.डी. वश्वविद्यालय, सागर, म.प्र. से "हिन्दी महाकव्य परम्परा में | उपाधि हेतु शोध प्रबन्ध लेखन किया जा रहा है। मूकमाटी' का अनुशीलन' विषय पर पी-एच.डी. उपाधि हेतु आचार्य श्री विद्यासागर जी की साहित्यिक प्रतिभा का निदर्शन शोध प्रबन्ध लिखा जा रहा है। 'मूकमाटी' महाकाव्य में देखा जा सकता है। इस ग्रन्थ पर देश25.सुश्री रश्मि जैन (सहायक प्राध्यापिका-हिन्दी विभाग, | विदेश के लगभग 300 साहित्य मनीषियों ने अपने आलोचनात्मक शासकीय कन्या महाविद्यालय, बीना, आवास-दिनेश क्लाथ | आलेख लिखे हैं। आपका बहुतर साहित्य "आचार्य विद्यासगारः प्टोर्स,सर्वोदय चौक, बीना-470113 (सागर)म.प्र.) के द्वारा डॉ. समग्र" एवं "आचार्य विद्यासागर ग्रन्थावली" के नाम से भी 4 हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर, म.प्र. के हिन्दी विभाग के भागों में प्रकाशित है। सीकर (राज.) वर्ष 1998 में आयोजित अन्तर्गत डॉ. (श्रीमती)सन्ध्या टिकेकर (सहायक प्राध्यापिका- अखिल भारतीय विद्वत्संगोष्ठी (षष्ठ) में लगभग 75 विद्वानों के द्वारा हेन्दी विभाग, शासकीय कन्या महाविद्यालय, बीना (सागर) म.प्र. आचार्य श्री के समस्त वाङ्मय पर आलेखित आलोचनात्मक शोध के निर्देशन में "आचार्य श्री विद्यासागर जी के साहित्य में उदात्त निबन्ध महाकवि आचार्य विद्यासागर ग्रन्थवली परिशीलन शीर्षक से मूल्यों का अनुशीलन' विषय पर पी-एच.डी. उपाधि हेतु शोध 'भगवान् ऋषभदेव' ग्रन्थामाला, श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र मंदिर बन्ध आलेखित किया जा रहा है। संघी जी,सांगानेर -जयपुर (राजस्थान) से प्रकाशित है। 26. सुश्री कृष्णा पटेल के द्वारा प्रोफेसर डॉ. कौशल प्रसाद -जुलाई 2002 जिनभाषित 19 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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