Book Title: Jinabhashita 2002 04
Author(s): Ratanchand Jain
Publisher: Sarvoday Jain Vidyapith Agra

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Page 25
________________ 8.00 क | 30.00 6. चना 11.5 5.2 3.9 0.4 9 विभिन्न व्यंजनों की कीमत विभिन्न पदार्थों में जलीय अंश, प्रोटीन, वसा, पदार्थ मूल्य (रु.) कार्बोज तथा कैलोरी के तुलनात्मक मूल्य 1. शाकाहारी पदार्थ | सब्जी(प्रति प्लेट) 12.00 पदार्थ जलीय अंश वसा | प्रोटीन | कार्बोहाईड्रेट | कैलोरी प्रति दाल फ्राई (प्रति प्लेट) मात्रा प्रति 10 ग्राम रोटी-तंदूरी (प्रति रोटी) 1.00 10 ग्राम चावल (प्रति प्लेट) 12.00 शाकाहारी पदार्थ भोजन प्रति थाली 15 से 20 रुपये 1 4 5 1. पनीर 2. मांसाहारी पदार्थ | मुर्गा (प्रति प्लेट) 40.00 2. मूंगफली मीट (प्रति प्लेट) 3. अखरोट मछली (प्रति प्लेट) 30.00 4. गेहूँ का आटा अण्डाकरी (प्रति प्लेट) 18.00 5. चावल भोजन प्रति थाली | 50 से 60 रु. 7. मूंग इस तरह जहाँ एक शाकाहारी व्यक्ति 15 रु. खर्च करके 8. उड़द सरलता से एक वक्त का स्वादिष्ट एवं पौष्टिक भोजन कर सकता | 9. मैथी 13.7 26.2 44.1 है, वहीं एक मांसाहारी व्यक्ति को एक वक्त के भोजन के लिए ।.10. बादाम 20.8 10.5 कम से कम 50 रु. खर्च करने पड़ते हैं। उपर्युक्त विश्लेषण से | 11. दूध पाउडर 4.1 38.0 51.5 12. बाजरा स्पष्ट है कि आर्थिक दृष्टि से मांसाहार घाटे का सौदा है। 12.4 67.1 13. गुड़ 95.0 पोषणता की दृष्टि से शाकाहार एवं मांसाहार मांसाहारी पदार्थ व्यक्ति का स्वास्थ्य उसके पोषण पर निर्भर करता है। 1. अण्डा 2. मछली भोज्य पदार्थों में पोषक तत्त्व समान रूप से नहीं पाये जाते हैं। 3. चिकन सन्तुलित भोजन वह होता है जिसमें ऊर्जा देने वाले पदार्थ, शरीर __(मुर्गे का मांस) संवर्धन करने वाले पदार्थ और सुरक्षात्मक पदार्थ उचित मात्रा में | 4. पोर्क हों। अतः सन्तुलित आहार में (1) कार्बोज या कार्बोहाइड्रेट (2) | (सुअर मांस) वसा या स्निग्ध पदार्थ, (3) प्रोटीन, (4) विटामिन, (5) खनिज 5. मटन 13 | 16 || (बकरे का मांस) लवण । इन पाँच तत्त्वों के अलावा सेल्यूलोज की भी थोड़ी मात्रा 6. बीफ (गौमांस) 59 | 23 | 16 271 में आवश्यकता होती है। (स्रोत : निरामिष आहार वैज्ञानिक विवेचन जगदीश्वर जौहरी) कुछ व्यक्तियों का मानना है कि मांस में प्रोटीन अधिक ___ इस तरह मांसाहार में शाकाहार की अपेक्षा मात्र जलीय होता है। उसमें प्रोटीन के दस अमीनो ऐसिड एक साथ पाये जाते अंश ही अधिक होते हैं, जिनकी शरीर में पहले से ही पर्याप्त मात्रा हैं, जबकि वानस्पतिक पदार्थों में सभी पदार्थों में सभी अमीनो होती है। जबकि प्रोटीन एवं कैलोरी शाकाहार में कहीं अधिक एसिड की मात्रा बराबर अनुपात में नहीं होती है। होती है। कार्बोहाईड्रेट तो मात्र अण्डे में ही होता है, वह भी शोध के दौरान यह पता चला है कि उपर्युक्त धारणा गलत अत्यन्त अल्प मात्रा में। है। दूध, दही, पनीर आदि में प्रोटीन के दसों अमीनो एसिड एक पोषक तत्त्वों के साथ-साथ यह भी आवश्यक है कि रक्त साथ और मांसाहार की तुलना में अधिक पाये जाते हैं, सोयाबीन में अम्लता न बढ़े। इसके लिए क्षारकारक पदार्थों की मात्रा भोजन में उपलब्ध सभी एमीनो एसिड की मात्रा मांस से भी अधिक होती | की कुल मात्रा की कम-से-कम आधी होनी चाहिए। सभी मांसाहारी है तो फिर प्रोटीन के लिए पशुओं की हत्या का औचित्य ही कहाँ | पदार्थ अम्लकारक होते हैं, जबकि फल, सब्जियाँ, अंकुरित अनाज रहता है? यदि हम सभी शाकाहारी एवं मांसाहारी पदार्थों का व दालें आदि रक्त का क्षारीय सन्तुलन बनाये रखती हैं। उनसे मिलने वाले पोषण तत्त्व के सन्दर्भ में तुलनात्मक विश्लेषण - इस तरह हम शाकाहारी पदार्थों से जितनी पोषणता प्राप्त करें तो स्थिति कुछ इस प्रकार रहती है | कर सकते हैं, उतनी मांसाहार से कभी प्राप्त नहीं कर सकते हैं। -अप्रैल 2002 जिनभाषित 23 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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