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मांसाहारी व्यक्ति अधिक धन व्यय करके कम पोषणता प्राप्त करता | कैंसर की घटनाएँ अधिक देखी गई हैं। है, जबकि शाकाहारी व्यक्ति न्यूनतम खर्च से अधिकतम पोषणता
इस तरह हम कह सकते हैं कि स्वास्थ्य की दृष्टि से प्राप्त करता है।
शाकाहार एक सर्वोत्तम आहार है। सर्वेक्षण के दौरान यह बात भी स्वास्थ्य की दृष्टि से शाकाहार और मांसाहार सामने आई है कि अधिकांश डाक्टर्स अपने मरीजों को शीघ्र रोग
भोजन ऐसा होना चाहिए तो तन और मन दोनों को स्वस्थ मुक्त होने के लिए हल्का-फुल्का शाकाहारी भोजन लेने की सलाह रखे। रोगों से लड़ने की क्षमता प्रदान करे एवं रोगवाहक कीटाणुओं देते हैं एवं मांसाहार को सदैव के लिये त्यागने की नेक सलाह देते से रहित हो। इस कसौटी पर शाकाहारी वस्तुओं एवं मांसाहारी
हैं। जो डाक्टर्स अपने मरीजों को अण्डा-मछली खाने की सलाह वस्तुओं को परखा जाये तो निश्चित तौर पर मांसाहार ये शर्ते पूरी देते हैं, वह इसलिए अनुचित है क्योंकि मरीज पर दवाओं के नहीं करता।
आर्थिक बोझ के साथ-साथ महँगे मांसाहार का अधिक बोझ तो स्वयं वध करके या अन्य व्यक्तियों द्वारा वध किये हुए
बढ़ता ही है साथ ही अण्डा, मछली खाने से होने वाले रोग उसे पशुओं का मांस खानेवाले की अन्तरात्मा खिन्न व क्षुब्ध तो रहती
अतिरिक्त रूप में मिलते हैं। प्रकृति ने इतने शाकाहारी पदार्थ ही होगी, फिर ऐसा भोजन तन व मन को स्वस्थ कैसे रख सकता
उत्पन्न किये हैं, जो मांस आदि के स्थान पर लेने से वह उद्देश्य पूरा कर सकते हैं, जिसके लिए मांसाहार की सलाह दी गई है।
अतः ऐसे डाक्टर्स को अण्डा, मछली आदि खाने की बेतुकी स्वभावतः फलाहारी होने के कारण मानव का पाचन
सलाह देने से बचना चाहिए। संस्थान मांसाहार के अनुकूल नहीं है। इसलिये मांसाहार मनुष्य के स्वास्थ्य के अनुकूल नहीं होता है। मांसाहार से शरीर में
यह चौंकाने वाली महत्त्वपूर्ण बात है कि संयुक्त राज्य पहुँचने वाला एक उल्लेखनीय पदार्थ है-'यूरिक ऐसिड। जो रक्त में
अमेरिका की सरकार रक्षा बजट में जितने रुपये खर्च करती थी, मिलकर उसकी अम्लता को बढ़ाता है, जिसके कारण हड्डियों
उससे भी अधिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में हार्टअटैक जैसे गंभीर रोगों एवं गुर्दो से सम्बन्धित रोग उत्पन्न होते हैं।
से निजात पाने के लिए करती थी। जब वहाँ के नागरिकों को
इंग्लैण्ड की संस्था 'प्यूपिल फॉर द एथिकल ट्रीटमेण्ट ऑफ विश्वविख्यात हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. के.टी. ढोलकिया
एनिमल (पेटा) ने शाकाहार की गुणवत्ता को समझाया तो लाखों के अनुसार मांसाहार रक्त की अम्लता को बढ़ाता है, जो धीरे-धीरे
लोग शाकाहार को स्वीकार करने लगे। इंग्लैण्ड सहित रूस, हड्डियों के खनिज तत्त्व का ह्रास करता है। इससे हड्डियाँ
पश्चिम जर्मनी, जापान, स्विट्जरलैण्ड, इजराइल और मेक्सिको में कमजोर हो जाती हैं।
अधिक-से-अधिक लोगों का शाकाहारी भोजन की ओर झुकाव उच्च रक्तचाप आदि हृदय रोगों के जाने-माने विशेषज्ञ डॉ.
हो रहा है। आर.डी. लेले के मुताबिक शाकाहारियों में मांसाहारियों की
भारतवर्ष जिसे विश्व का गुरु कहा जाता था, जिसकी तुलना में रक्त चाप को नियन्त्रित रखने की प्रवृत्ति अधिक होती है।
अहिंसामूलक संस्कृति हमेशा से ही शाकाहार की पक्षधर रही है। उनके अनुसार हम अपने भोजन को दूध और शाकाहार में बदल
जहाँ के सभी धर्मों ने मांसाहारी जीवनशैली को हमेशा नकारा है, दें, तो उच्च तनाव, दिल का दौरा और हृदय संवहनी जैसे रोगों की
कुछ नागरिक मांसाहार के पौष्टिक होने के गलत विश्वास पर घटनाएँ कम कर सकते हैं।
मांसाहार को अपना रहे हैं। यदि वे शाकाहार को अपना लेते हैं तो प्रसिद्ध मधुमेह रोग विशेषज्ञ डॉ. एच.डी. चण्डारिया
स्वास्थ्य के गिरते स्तर को, पर्यावरण के गिरते स्तर को एवं के अनुसार मधुमेह से ग्रसित व्यक्ति के आहार में चर्बी की मात्रा
जानवरों की पीड़ा को कम किया जा सकता है। कम और रेशों व काबोहाईड्रेट की मात्रा अधिक होनी चाहिये, जो
मित्र, मांस को तजकर उसका, उत्पादन तुम आज घटाओ। अनाज व दालों से ही प्राप्त होती है और दोनों प्रकार के मधुमेह को
बनो, अहिंसक शाकाहारी मानवता का मूल यही है। नियन्त्रित करने में सहयोगी है।
पशु भी मानव-जैसे प्राणी, वे मेवा, फल, फूल नहीं हैं। कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ.एस. यू. नागरिकत्वि के अनुसार
C/o डॉ. भूषण चन्द्र जैन बड़ी आँत के कैंसर का सम्बन्ध निरन्तर पशु प्रोटीन लेने से जुड़ा
जैन (परवारी) मुहल्ला है। हवाई में गोमांस का अधिक सेवन करने से तथा जापान में
छतरपुर (म.प्र.) सुअर मांस निरन्तर लेते रहने से वहाँ के नागरिकों में आँत के 24 अप्रैल 2002 जिनभाषित -
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