Book Title: Jambudwip Part 04
Author(s): Vardhaman Jain Pedhi
Publisher: Vardhaman Jain Pedhi

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Page 132
________________ यहां से एपोलो पूर्व की ओर गया तो के साथ 'कॉस्मिक रेझ' के अबरोधों से पूर्व में अनेक पर्वत' हैं, उसमें किसी एक गैज्ञानिक सम्पर्क नही रख सकते । पर्वत पर एपोलो का अवतरण हुआ' हो (3) गैज्ञानिकों के कथनानुसार पृथ्वी से ऐसा स्पष्ट हो जाता हैं। ___ ढाई लाख ऊपर व्योमयात्री गये थे। (1) अमेरिकन रीडर्स डाईजेस्ट कम्पनी वहां वातावरण नहीं है तो रॉकेट का की ओर से प्रकाशित 'दी वर्ल्ड एटलस' घडाका वहां किस प्रकार हुआ ? चन्द्र के नामक महाकाय ग्रन्थ के पेज 106 में गुरुत्वाकर्षण में प्रविष्ट हो भ्रमण कक्षा में पृथ्वी पर बायुमण्डलों के जो विभिन्न पटूटे स्थिर होने के लिये तथा भ्रमण कक्षा से निकलकर दिखाये गये हैं, उनमें पृथ्वी से 200 मील चन्द्र के गुरुत्वाकर्षण से छुटने के लिये 'एपोलो' ऊपर 'आयनोस्फीयर' बतलाया गया है वहां के व्योमयात्रियों ने रॉकेट का विस्फोट किया तक गये हुए रेडियो तरंग पृथ्वी पर वापस ही है । आ सकते हैं, किन्तु उससे ऊपर 'एकझो- तब क्युम में ईन्धन जले ही कैसे ? स्फीयर' होता है । उसमें 'कोस्मिक रेझ' . कदाचित् यह कहा जाय कि श्वास के लिये की व्यापकता के कारण उसमें गये हुए जैसे आक्सीजन की टंकी ले गये थे, उसी प्रकार रेडियोवेव्य' बापस नहीं आ सकते हैं। आक्सीजन की टंकी के गैस द्वारा विस्फोट हुआ - अतः यदि एपोलो वस्तुतः पृथ्वी से ऊपर होगा किन्तु जले हुए ईधन का अवशेष अथवा गया हो, तो लगभग ढाई लाख मील दूर धूए का वाहर निकलना किस प्रकार हुआ ? स्थित एपोलों के आकाश -यात्रियों के साथ वातावरण के बिना जला हुआ ईन्धन अथवा 'नासाके' वैज्ञानिकों ने सम्पर्क किस प्रकार धूआं बाहर निकल ही नहीं सकता है। स्थिर रखा ? एपोलो की आकाश-यात्रा टेली- इससे यह स्पष्ट है किविजन सेट द्वारा पिक्चरों को रिले किस प्रकार वे 190 मील से ऊपर वे नहीं गये हैं। कर सके ? . . और ढाई लाख मील तिरछे गये है। ____'नासा' के वैज्ञानिकों ने बातचीत की (4) आकाश-यात्रियों ने एपोलो यान है, टेलीविजन सेट पर प्रोग्राम आये हैं, की खिडकियों पर बर्फ और कुहरा जम जाने यह बात प्रमाणित करती है, कि के कारण स्पष्ट न देख सकने की शिकायत _ 'एपोलो पृथ्वी से ऊपर 190 मील 'नासा' के वैज्ञानिकों के समक्ष की है। आयनोस्फीयर की मर्यादा तक ही गया है तो विचारणीय बात यह है कि वास्तव और बाद में पूर्व दिशा में तिर्छा ढाई में यदि वे ढाई लाख मील ऊपर गये हो तो लाख मील गया । शून्य वातावरण में बर्फ या कुहरा कहां से यदि सीधा ढाई लाख मील ऊंचा गया आ सकता हैं ? होता तो 200 मील के 'आयनोस्फीयर' कदाचित हो तब भी सूर्य के प्रचण्ड ताप के बाद के एक्झोस्फीयर' में गये हुए एपोलो से उसे सूख जाना चाहिए । परन्तु बर्फ और Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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