Book Title: Jain Yog ka Aalochanatmak Adhyayana
Author(s): Arhatdas Bandoba Dighe
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi
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सहायक ग्रन्थ-सूची
२४७
दशाश्रुतस्कन्ध ( टीका सहित आत्माराम जी०म० ), जैनशास्त्रमाला कार्यालय,
यशोविजय, जैन धर्मं प्रसारक
लाहौर, १९३६ द्वात्रिंशद्वात्रिंशिका, सभा, भावनगर दीघनिकाय, संपा० जगदीश काश्यप एवं राहुल सांकृत्यायन, महाबोधि सभा, सारनाथ, प्रथम संस्करण, १९३६
( ध )
थम्मपद, धर्मरक्षित, मास्टर खेलाड़ी लाल ऐण्ड सन्स, बनारस, १९५३ धर्मबिन्दु, हरिभद्र सूरि, आगमोदय समिति, बम्बई, ई०सं० १९२४ ध्यानबिन्दुपनिषद्, (१०८ उपनिषद् ), संपा० वा०ल० शास्त्री, प्रकाशक पांडुरंग जावजी, बम्बई, सन् १९३२
ध्यानशतक, जिनभद्र क्षमाश्रमण, विनयसुन्दर चरणग्रन्थमाला, जामनगर, वि०स० १९९७
ध्यानशास्त्र, रामसेनाचार्य, संपादक जुगल किशोर मुख्तार, वीरसेवा मन्दिर ट्रस्ट, दिल्ली, सन् १९६३
( न )
नमस्कारस्वाध्याय (संस्कृत), जैन साहित्य विकास मण्डल, बम्बई, सन् १९६२ नवतत्त्वप्रकरण, विवेचक भगवानदास हरखचंद, श्री हेमचंद्राचार्य जैन
ग्रंथमाला, अहमदाबाद, सन् १९२८
नवपदप्रकरण, यशोपाध्याय रचित, प्रकाशक जीवनचंद साकरचंद झवेरी,
बम्बई, सन् १९२७
नवपदार्थ, आ० भिक्षु, हिन्दी अनुवाद श्रीचंद्र रामपुरिया, जैन श्वेताम्बर तेरापंथी महासभा, कलकत्ता, सन् १९६१
नाथ सम्प्रदाय, हजारीप्रसाद द्विवेदी, नैवेद्य निकेतन, वाराणसी सन् १९६६ न्यायदर्शन ( वात्स्यायन भाष्य ), अनु० द्वारिकादास शास्त्री, भारतीय विद्या प्रकाशन, वाराणसी, सन् १९६६
नियमसार, कुन्दकुन्दाचार्य, सेण्ट्रल जैन पब्लिकेशन हाउस, लखनौ, सन् १९३१
( प )
पंचसंग्रह · चंद्रषिमहत्तर, भा० २, संपादक, विजय प्रेमसूरि, प्रका• मुक्ताबाई ज्ञान- मन्दिर, डमोई, गुजरात, सन् १९३७
पंचास्तिकाय कुन्दकुन्द रायचन्द्र जैन शास्त्रमाला, बम्बई, वी० स० २४३१
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