Book Title: Jain Yog ka Aalochanatmak Adhyayana
Author(s): Arhatdas Bandoba Dighe
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi

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Page 280
________________ सहायक ग्रन्थ-सूची २४९ बौद्धदर्शन, बलदेव उपाध्याय, प्रथम संस्करण, शारदा मन्दिर प्रकाशन, काशी, सन् १९४६ - बौद्धदर्शन तथा अन्य भारतीय दर्शन ( भा० १-२ ) भरतसिंह उपाध्याय, बंगाल हिन्दी मण्डल, कलकत्ता, सं० २०११ - बौद्धधर्मदर्शन, आ० नरेन्द्रदेव, बिहार राष्ट्रभाषा परिषद्, पटना, सन् १९५६ स० २४४६ बृहद्कल्प, अमोलक ऋषि, हैदराबाद- सिकन्दराबाद जैन संघ, वी०नि०सं० २०४६ वृहदारण्यक ( १०८ उपनिषद् ), प्रका० पाण्डुरंग जावजी, बम्बई, १९३२ ब्रह्म बिन्दूपनिषद्, वही ( भ ) भगवद्गीता, सुरेशचन्द्र मुखोपाध्याय, कन्ट्रोलर आफ चैरिटीज, अवागढ, सन् १९२३ भगवतीसूत्र, घासीलाल जी महाराज, प्रका० अ० भा० श्वे० स्थान० जैन शास्त्रोद्धार समिति, राजकोट, १९६१ भागवतपुराण, गीता प्र ेस, गौरखपुर, संवत् २०१३ भारतीय दर्शन, बलदेव उपाध्याय, शारदा मन्दिर, काशी, १९५७ भारतीय दर्शन ( भा० १), राधाकृष्णन्, राजपाल एण्ड सन्स, दिल्ली, सन् १९६६ भारतीय संस्कृति में जैन धर्म का योगदान, डा० हीरालाल जैन, मध्यप्रदेश शासन साहित्य परिषद्, भोपाल, १९६२ भारतीय संस्कृति और साधना ( भा० २), गोपीनाथ कविराज, बिहार राष्ट्रभाषा परिषद्, पटना, १९६३ ( म ) मज्झिमनिकाय, राहुल सांकृत्यायन, महाबोधि सभा, सारनाथ, १९३३ मनोनुशासन, आ० तुलसी, जैन भारती, वर्ष २, अंक २, जैन श्वेताम्बर तेरापन्थी महासभा, कलकत्ता प्रकाशन, सन् १९६९ महाभारत, गीताप्रेस गोरखपुर, संवत् २०२१ मिलिन्दप्रश्न, नागसेन, बर्मी धर्मशाला, सारनाथ, वाराणसी, सन् १९३७ मुण्डकोपनिषद् (१०८ उपनिषद् ), सम्पा० वा० ल० शास्त्री, प्रका० पांडुरंग जावजी, बम्बई, सन् १९३२ मूलाचार, बट्टकेर, माणिकचन्द्र दिगम्बर जैन ग्रन्थमाला, बम्बई, वी० नि० सं० २४४९ मुलाराधना, शिवाचार्य ( बलात्कारगण ), जैन पब्लिकेशन, कारंजा, १९३५ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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