Book Title: Jain Yog ka Aalochanatmak Adhyayana
Author(s): Arhatdas Bandoba Dighe
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi

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Page 281
________________ २५० जैन योग का आलोचनात्मक अध्ययन (य) यशस्तिलकचम्पू, सोमदेवसूरि, निर्णय सागर प्रेस, बम्बई, सन् १९०१ योगकुण्डल्योपनिषद् ( १०८ उपनिषद्), प्रका• पांडुरंग जावजी, बम्बई, ई. १९३२ योगचूड़ामणि उपनिषद् वही योगांक ( विशेषांक ), कल्याण, भा० १०, अंक १.३, गीताप्रेस, गोरखपुर, सन् १९३५ योगतत्त्वोपनिषद् ( १०८ उपनिषद् ), प्रका. पांडुरंग जावजी बम्बई, सन् १९२२ योगदर्शन, पतंजलि, गीताप्रेस, गोरखपुर, सम्वत् २०११ योगदर्शन ( व्यासभाष्य ), ब्रह्मलीन मुनि, सूरत, सन् १९५८ योगदर्शन, सम्पूर्णानन्द, हिन्दी समिति, सूचना विभाग, लखनौ, ई९ १९६५ योगदृष्टिसमुच्चय, हरिभद्र विजयकमल केशर ग्रन्थमाला, खम्भात्, वि० सं० १९९२ योगप्रदीप, मंगलविजय, हेमचन्द्र सावचन्दशाह, कलकत्ता, वी० सं० २४६६ योगप्रदीप, अज्ञात, जैन साहित्य विकास मण्डल, बम्बई, ई० १९६० योगबिन्दु, हरिभद्र, जैन धर्म प्रचारक सभा, भावनगर, सन् १९११ योगबिन्दु, हरिभद्र,जैन ग्रन्थ प्रसारक सभा, अहमदाबाद, सन् १९४० योगमनोविज्ञान, शान्तिप्रकाश आत्रेय, दी इण्टरनेशनल स्टैण्डर्ड पब्लिकेशन, . वाराणसी, सन् १९६५ ।। योगवासिष्ठ, सम्पादक वासुदेव लक्ष्मण शास्त्री, प्रका० तुकाराम जावजी, द्वितीय आवृत्ति , बम्बई, सन् १९१८ योगवासिष्ठ और उसके सिद्धान्त, भीखनलाल आत्रेय, तारा पब्लिकेशन, वाराणसी, सन् १९६५ योगविशिका तथा पातंजल योगदर्शनवृत्ति, यशोविजय, संपा० पं० सुखलाल ___संघवी, जैन आत्मानन्द सभा, भावनगर, सन् १९२२ योगसार, अज्ञात, जैन साहित्य विकास मण्डल, बम्बई, सन् १९६० योगसार, योगिन्दुदेव, परमश्रुत प्रभावक मण्डल, बम्बई, सन् १९३७ योगसार प्राभृत, अमितगति, संपा० जुगलकिशोर मुख्तार, भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशन, वाराणसी, सन् १९६८ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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