Book Title: Jain Yog ka Aalochanatmak Adhyayana
Author(s): Arhatdas Bandoba Dighe
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi

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Page 277
________________ २४६ जैन योग का आलोचनात्मक अध्ययन जैन-धर्म, पं० कैलाशचंद्र शास्त्री, भा०दि जैन संघ, मथुरा, वी०नि०सं० २४७४ जैन-धर्म का प्राण, पं० सुखलाल संघवी, सस्ता साहित्य मण्डल, दिल्ली, १९६५ जैन साहित्य का इतिहास ( पूर्वपीटिका), कैलाशचंद्र शास्त्री, गणेश प्रसाद वर्णी जैन ग्रन्थमाला, वी०नि० सं० २४८६ जैन साहित्य का वृहद् इतिहास ( भा०१), पं० बेचरदास दोशी, पार्श्वनाथ विद्याश्रम शोध संस्थान, वाराणसी, १९६६ जैन साहित्य का वृहद् इतिहास ( भा०३ ), मोहनलाल मेहता, प्रका० व्ही, सन् १९६७ जैन साहित्य का बृहद् इतिहास ( भा० ४), मोहनलाल मेहता एवं ही० रा० कापडिया, प्रका० वही, सन् १९६८ (त) तत्त्वार्थाधिगमसूत्र ( स्वोपज्ञभाष्य ); तत्त्वानुशासन, सिद्धसेन गणी, भा॰ २, प्रकाशक जीवनचंद साकरचंद झवेरी, सूरत, ई० स० १९३० तत्वार्थराजवार्तिक, अकलंकदेव, भारतीय ज्ञानपीठ, बनारस, सन् १९४४ तत्त्वार्थसूत्र, उमास्वाति, विवेचक पं० सुखलाल संघवी, भारत जैन महा मण्डल वर्धा सन् १९५२ (द्वि०मा० पार्श्वनाथ विद्यालय शोध संस्थान, वाराणसी, सन् १९७६) . तत्त्वार्थ सूत्रम्, टीका हरिभद्र, श्रेष्टी ऋषभदेवजी, केसरीमलजी, जैन श्वेताम्बर संस्था, रतलाम, १९३६ तैत्तिरीय उपनिषद् (१०८ उपनिषद्), संपा० बा०ल. शास्त्री, प्रकाशक पांडुरंग जावजी, बम्बई, १९३२ तंत्रसार, अभिनव गुप्त, महाराजा जम्मू एण्ड काश्मीर स्टेट श्रीनगर, सन् १९१८ तंत्रालोक, अभिनवगुप्त, महाराजा जम्मू एण्ड काश्मीर स्टेट श्रीनगर, सन् १९१८ तपोरत्न महोदधि, संपादक भत्ति विजयजी, जैन आत्मानन्द सभा, भावनगर, संवत् २००२ (द) दर्शन और चिन्तन, पं० सुखलाल संघवी, जैन संस्कृति संशोधन मण्डल, बनारस, १९५७ दशवैकालिकसूत्र, श्री शय्यंभवसूरि, अगरचंद मैरोदान सैटिया जैन संस्था, बीकानेर, वी० नि० सं० २४७२ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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