Book Title: Jain Shwetambar Conferenceno Itihas
Author(s): Nagkumar Makatai
Publisher: Sohanlal Madansinh Kothari

View full book text
Previous | Next

Page 4
________________ प्रकाशकोन निवेदन श्री जैन श्वेतांवर कॉन्फरन्सना मुंबईमां श्री अमृतलाल कालीदास दोशी, बी.ए.ना प्रमुखस्थाने सने १९५२मां मळेला १९मा सुवर्ण जयंति अधिवेशन प्रसंगे आ महासंस्थाना कार्यो आलेखनार इतिहासनी आवश्यकता प्रतीत थई अने स्वागत समितिए पण चोकस रकम जुदी पाडी ते माटे प्रेरणा आपी. ___ आ कार्य न्हानुं सूनुं अने स्हेलं न हतुं. वर्षों पूर्वेना साधनो अप्राप्य स्थितिमा रहेला हता. जे साधन-सामग्री उपलब्ध थाय ते उपरथी इतिहास तैयार करवानुं कार्य श्रीयुत नागकुमार नाथाभाई मकाती, बी.ए., एलएल.बी.ने सोपवामां आव्यु. विखरायेली सामग्री तेओश्रीए महान परिश्रमपूर्वक एकत्र करी आ इतिहासमां मुंदर रीते रजू करी छे ते बदल संस्था तेओनो अत्यंत उपकार माने छे. अट्ठावन वर्षना दीघ समय दरम्यान कॉन्फरन्स अनेक तडका-छांयामांथी पसार थई छे. संस्थाए रचनात्मक शैलीए समाजने विविध सेवाओ अर्पली छे. तेनी कार्यवाही जनसमस्त विषयक बंधारणने अनुसरी चालु रही छे. श्री सकळसंघे तेने सर्व प्रकारे पोषण आपेल छे. श्रीसंघना अमोघ बळ समान आ संस्था समग्र जैन समाजना प्रतिनिधित्वने आवरी ले छे. तेने नवपल्लवित करवा माटे पंजाबनी वीरभूमी लुधीयानामां मळनार एकवीसमा अधिवेशन प्रसंगे जैन समाजना करकमलोमां आ इतिहास समर्पित करतां अमोने अत्यंत हर्ष थाय छे. समाजने ते उपयोगी नीवडशे एवी आशा छे. लि. सेवको, श्री जैन श्वेताम्बर कॉन्फरन्स सोहनलाल मदनसिंह कोठारी गोडीजी बील्डिग, .. जयंतिलाल रतनचंद शाह कालबादेवी, मुंबई-२ __ मुख्य मंत्रीओ - वीर संवत २४८६. श्री जैन श्वेताम्बर कॉन्फरन्स Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 ... 216