Book Title: Jain Shraman Swarup Aur Samiksha
Author(s): Yogeshchandra Jain
Publisher: Mukti Prakashan
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परिशिष्ट
121. मोक्षमार्ग प्रकाशक - सरती ग्रन्थमाला देहली, द्वितीय संस्करण 122. योगसार अमितगति - जैन सिद्धान्त प्रकाशिनी संस्था, कलकत्ता ई. सन् 1918 123. योग दर्शन
124. योग शास्त्र वृत्ति - आ. हेमचन्द्र, जैनधर्म प्रसारक सभा, भावनगर, 1926 125. यति क्रिया मंजरी - श्री दि. जैन सेनगण मंदिर नागपुर सन् 1982
126. रत्नकरण्ड श्रावकाचार समन्तभद्र आचार्य
127. रयणसार - संपादन वलभद्र जैन, सन् 1979
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128. ऋग्वेद
129. लघुसिद्धान्तकौमुदी - पाणिनी कृत
130. वाल्मीकि रामायण
131. वृहूद जैन शब्दार्णव भाग- 1- ले. श्री बिहारीलालजी चैतन्य, बारावंकी, 1925 ई.
132. वृहत्कल्प भाष्य
133. वराह मिहिर
134. वेद पुराणादि ग्रन्थों में जैन धर्म का अस्तित्व
1930
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ले. मक्खन लाल जी दिल्ली,
135. विशेषावश्यक भाष्य
136. सर्वार्थसिद्धि - भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशन, सन् 1955
137. सज्जनचित्तवल्लभ - टीका एवं सम्पादन - योगशचन्द्र जैन, जैन स्वाध्याय समिति
मुरार 1986
138. समयसार - कुन्दकुन्दाचार्य, वीतराग सत् साहित्य प्रसारक ट्रस्ट भावनगर वी. नि. 2505
139. समयसार कलश - अमृतचन्द्राचार्य
140. स्याद्वाद मंजरी - परमश्रुत प्रभावक मण्डल, प्र. सं. 1991
317
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141. सागर धर्मामृत - आशाधर कृत
142. साधु सम्मेलन का इतिहास - ले. दुलभ भाई जौहरी, प्रका. महावीर प्रिन्टिंग प्रेस ब्यावर वी. सं. 2473
143. सम्बोध सत्तर - ले. आचार्य हरिभद्र सूरि
144. संघ पट्टक-ले. आचार्य जिनवल्लभ सूरि
145. संबोध प्रकरण - हरिभद्र सूरि, जैन ग्रन्थ प्रकाशक सभा, अहमदाबाद आगम प्रकाशन समिति ब्यावर, सन् 1981
146. स्थानांग सूत्र
147. समाधि शतक - इप्टोपदेश युक्त वीर सेवा मन्दिर, देहली, प्र. सं. 2021
148 समयसार तात्पर्यवृत्ति टीका - सोलापुर प्रकाशन, 1983
149. सन्यासोपनिपट
150. सूत्र कृतांग - अमरसुख बोधिनी व्याख्या, आत्मज्ञानपीठ, मसामण्डी, पंजाब

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