Book Title: Jain Satyaprakash 1935 08 SrNo 02
Author(s): Jaindharm Satyaprakash Samiti - Ahmedabad
Publisher: Jaindharm Satyaprakash Samiti Ahmedabad

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Page 20
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir संघपति, ज्ञात, यशस्वी एवं तीर्थ- नाद १।२।२ पत्र ४८) । मंखली गोकर थे। जिन में मंखलीपुत्र-गो- शालका वाद है कि-सत्वोंके संक्लेश सालका श्रमणसंघ प्रधानतया नंगा ही का कोई हेतु नहों है. प्राणियों की रहता था। विशुद्धि का कोई हेतु नहीं है, बल वीर्य जैन आगमोंमें उल्लेख है कि- पुरुषात्कार व पराक्रम नहीं हैं, सभी मखलोपुत्र गोशाल शुरु में भगवान् प्राणी अ-वश अ-बल अ-वीर्य नियत महावीर के शिष्य बना, बाद में उसने के वशमें हो छओं अभिजातियों में मुख अलग हो कर अपना नया आजीवक -दःख अनुभव करते हैं । यह मत को मत चलाया ( भगवतीसूत्र )। उस के भगवान् (गौतम बुद्ध ) ने तृतीय अमतमें शीतोदक बीजकाय आधाकर्म ब्रह्मवाद कहा है । यह आजीवक पूत. एवं स्त्री सेवनकी मना नहीं थी मरीके पूत तो अपनी बडाई करते हैं, ( सूत्रकृतांग )। तीनको ही मार्ग-दर्शक बतलाते है, वौद्धशास्त्र बताते ह कि-खली जैसे कि-नन्द वात्स्य, कुश सांकृत्य गोसालने नीयतिवादसे आजीवक मत । ओर मक्खली गोसाल (मज्झिम निकाय चलाया है ( दीघनिकाय)। खुदबखुद ___ सन्दक २।३।६, पत्र ३०१, ३०४ )। .. गोशाल अ ब्रह्मचारी था ( ) यह नन्द वात्स्य, कृश सांकृत्य व मं- गोशाल जैनश्रमणों को " एक खली गोशाल अचेलक हैं, मुक्ताचार शाटिक' की उपाधि से बुलाते है । हैं, हस्त पलेखन (हाथ चट्टा-करपात्र) वात भी ठीक है । भगवान् श्री महावीर हैं, एकागारिक ( एकही घरमें भिक्षा स्वामाने जब दीक्षा ली, तब शुरुमें एक करनेवाला) हैं, वैचमें अन्तर देकर शाटिक यानी "देवदष्य" वस्त्र पहेना अधमासिक आहारको ग्रहण कर विह- था, और कतिपय जिनकल्पी श्रमण भी रते है, कभी कभी उत्तम उत्तम भोज- अल्प-वस्त्रों को धारन करते थे, इसि नांको खाते हैं उत्तम उत्तम खाद्यों को कारण जैनश्रमण-जैन साधु " एक ग्रहण करते हैं, उत्तम उत्तम शाटिक " भी कहे जाते थे। स्वादनीयों को स्वादन करते हैं। उत्तम उत्तम पानों को पोते है, वे इस बौद्धशास्त्र गवाही देते है किशरीर को बढाते है पोसते हैं चरबी आजीवक मत जगतके समस्त जीवों पेदा करते हैं ( मज्झिम निकाय महा- का वर्गीकरण करके छै अभिजातियां सच्चक १।४।६। पत्र १४४, महासोह- बतलाई हैं। For Private And Personal Use Only

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