Book Title: Jain Nyaya
Author(s): Kailashchandra Shastri
Publisher: Bharatiya Gyanpith

View full book text
Previous | Next

Page 365
________________ जैन न्याय भावसेन विद्य . विश्वतत्त्वप्रकाश जीवरांज जैन ग्रन्थमाला शोलापुर (वि० १२-१३वीं शती) लघु समन्तभद्र अष्टसहस्रोटिप्पण अष्टसहस्रीके साथ प्रकाशित (१३वीं शती) आिशाधर प्रमेयरत्नाकर आशाधरप्रशस्तिमें उल्लिखित , (वि० १३वीं शती) शान्तिषेण प्रमेयरत्नसार जैन सिद्धान्तभवन आरा (वि० १३वीं शती) (अप्रकाशित) मरेन्द्रसेन प्रमाणप्रमेयकलिका माणिकचन्द जैन ग्रन्थमाला, काशी ।। विमलदास सप्तभंगीतरंगिणी रायचन्द जैन शास्त्रमाला बम्बई धर्मभूषण न्यायदीपिका वीर सेवा मन्दिर दिल्ली ( वि० १५वीं शती) अजितसेन न्यायमणिदीपिका जैन सिद्धान्त भवन आरा ( अप्रकाशित) शान्तिवर्णी प्रमेयकण्ठिका चारुकीति पण्डिताचार्य प्रमेयरत्नालंकार नेमिचन्द्र प्रवचनपरीक्षा मणिकण्ठ न्यायरत्न शुभप्रकाश न्यायमकरन्दविवेचन अभयचन्द्र सूरि लघीयस्त्रयतात्पर्यवृत्ति माणिकचन्द जैन ग्रन्थमाला बम्बई रत्नप्रभ सूरि स्याद्वादरत्नाकराव. प्रकाशित (वि० १३वीं शती) तारिका मल्लिषेण स्याद्वादमंजरो रायचन्द जैन शास्त्रमाला बम्बई (वि० १४वीं शती) यशोविजय अष्टसहस्रीविवरण प्रकाशित (१८वीं शती) अनेकान्तव्यवस्था ज्ञानविन्दु सिंघी जैन ग्रन्थमाला बम्बई जैन तर्कभाषा Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 363 364 365 366 367 368 369 370 371 372 373 374 375 376 377 378 379 380 381 382 383 384