Book Title: Jain Nyaya
Author(s): Kailashchandra Shastri
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 379
________________ ३.६४ साकार ज्ञानवाद समीक्षा ८६ सात ही भंग क्यों ? ३०४ सात भंगों में क्रमभेद ३१८ जैन न्याय साध्यका स्वरूप २२४ स्मरण अथवा स्मृति १९३ स्मृतिको प्रमाण न माननेवाले बौद्धोंकी समीक्षा १९३ स्याद्वाद और अनेकान्त २९६ स्याद्वाद और केवलज्ञान में अन्तर २९५ स्याद्वादका स्वरूप २९८ स्याद्वाद के बिना अनेकान्तका प्रकाशन नहीं २९९ Jain Education International स्यात् और एवकारका प्रयोग ३०० स्वामी समन्तभद्र और सिद्धसेन म स्फोटवादी वैयाकरणोंकी समीक्षा २६७ हेतुके भेद २१७ हेतुके नैयायिकसमम्त पांचभेद और उनकी समीक्षा २२२ हेतुके भेदोंके विषय में बोद्धमत २१८ हेतु रूप्यलक्षणकी समीक्षा २१२ हेतु पाञ्चरूप्यलक्षणकी समीक्षा २१५ हेतु सांख्यसम्मत भेदोंकी समीक्षा २२३ हेमचन्द्र ४३ For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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