Book Title: Jain Hiteshi 1917 Ank 01 02
Author(s): Nathuram Premi
Publisher: Jain Granthratna Karyalay

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Page 1
________________ श्रीवर्द्धमानाय नमः । जैनहितैषी । जनवरी, फरवरी १९१७ । विषय सूची । पहला अंक । १ ऐसी मति हो जाय ( कविता ) २ सप्तभङ्गीनय-ले, लाला कन्नोमल एम. ए. ३ विचित्रव्याह ( खण्डकाव्य ) - ले०, पं० रामचरित उपाध्याय ४ हिन्दी - जैन साहित्यका इतिहास ५ भाग्यचक्र ( गल्प ) - ले०, पं० व्रजनन्दन प्रसाद पं. रघुनन्दन प्रसाद मिश्र ६ काम करनेवालों के लिए - ले०, बाबू दयाचन्द गोयलीय बी. ए. ७ नवयुवकोंको उपदेश - व्या०, प्रो० बालकृष्ण एम. ए. ८ हमारी भक्ति ( कविता ) - ले०, पं० सुखराम चौबे Jain Education International ६ पतितों की पुकार । ७ पुस्तक परिचय | ८ विविध प्रसंग | ... दूसरा अंक | ... ... १ भद्रबाहु -संहिता । ... २ मेरठकी जैन पाठशाला और प्रो. सेठीका वक्तव्य । ३ स्नान । ४ अनुरोध ( कविता ) ले० पं. रामचरित उपाध्याय । ५ जैन भारतकी गति । शि श्री. केटासागर श्री महावीर जैन आराधना - संपादक - नाथूराम प्रेमी । मुंबईवैभव प्रेस. F For Personal & Private Use Only B ८९ ७१ ७४ ७६ ७८ ७९ अंक १-२ । www.jainelibrary.org

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