Book Title: Jain Granthavali
Author(s): Jain Shwetambar Conference
Publisher: Jain Shwetambar Conference Mumbai
View full book text
________________
प्रस्तावना.
पाटणना छ भंडार, जेसलमेरनो भंडार, लिंबडीनो भंडार, तथा खंभातनो भंडार एम नवभंडारोनी टीप तैयार करवामां आवी. अने बाकीना भंडारोनी टीपोनी नकलो उतरावी लीधी. ___आ रीते एकत्र करेली टीपो उपरथी ग्रंथोनी अकारादि अनुक्रमवार तारवणी करी विषयवार वर्गणी करवामां आवी छे. मोटा मोटा भागो पृथक् पृथक् देखाडवा माटे तेने लिस्ट नंबर आपी तेना अवयवाना अंगरूप एक नाम आपवामां आव्युं छे.
आ अंगरूपनामो साथै चडतो लिस्ट नंबर जोडवामां आव्यो छे. तदनुसार तेना अंग नव पाडेला होवाथी लिस्ट नंबर पण नवज थया छे. दरेक अंगना अवयवोमा पृथक्क देखाडवा माटे तेना वर्ग तथा क्लास पाडवामां आव्या छे. आ अनेक वर्ग तथा क्लासयुक्त विषयोथी भरपूर लीस्टरूप पुस्तकनुं " जैन ग्रंथावळी " एवं नाम आपवामां आव्युं छे आ पुस्तकना नंबर पहेलामां आगम ग्रंथोर्नु लस्टि छे. आ लीस्ट आपतां पृष्ठनी एक बाजुए प्रथy नाम, तेनी श्लोकसंख्या, ग्रंथना रचनारर्नु नाम तथा ते ग्रंथ विक्रमनी कइ सालमां रचायो छे. ते जणाव्यु छे. अने सामेनी बाजुपर ते ग्रंथ क्या भंडारमा मोजुद छे ते जणाववा माटे उपर जगावेला भंडारोना संक्षिप्त नाम जणाव्या छे. तेमना पूरा नामनी ओळखाण माटे तथा चोकस स्थळ माटेनी वीगत आगळ आपवामां आवशे. दरेक नाममा शक पडती बाबतोना विशेष खुलासा माटे जोईती फुटनोटस आपवामां आवी छे.
नंबर बीजामां जैन न्याय ग्रंथोनू लीस्ट छे. आ लीस्टथी मांडीने छेवट सुधीमा लोस्टोमां दाखल करेला ग्रंथोनी संपूर्ण माहितीनो एक पेजमांज सारी रीते समावेश थतो होवाशी भंडारोना नाम पण एकज पेजमां नोंध्या छे. नंबर बीजा, चोथा, पांचमामां जैन फिलोसोफीना ग्रंथोन लिस्ट आपवामां आव्युं छे.
नंबर छमां जैन औपदेशिक ग्रंथोनुं लीस्ट, नंबर ७ मां जैन महात्म्य ग्रंथोनू लीस्ट नंबर ८ मामां जैन भाषासाहित्यना ग्रंथोनू लीस्ट, अने नंबर ९ मामां जैन विज्ञानना ग्रंथोनुं लीस्ट आपवामां आव्यु छे.
आ रीते नव लीस्टोना नव नंबर पूरा थाय छे. आ नव नंबरोना नव लीस्टरूप ग्रंथावळी नामनुं पुस्तक तैयार थवाथी आपणा महान पूर्वाचार्योए धर्मनी रक्षाना साधनरूप तात्विक ग्रंथो रची आपणा हितमाटे केटलो बधो अपरिमित परिश्रम लीधो छे. ते प्रत्यक्ष रीते पुरवार थयु छे.

Page Navigation
1 ... 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 ... 504