Book Title: Jain Digest 1994 06 Special Issue
Author(s): Federation of JAINA
Publisher: USA Federation of JAINA

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Page 48
________________ सिद्धाचलम न्यूजर्सी (अमेरिका) स्थित सिद्धाचलम् आश्रम १०८ एकड में फैला हुआ विस्तृत भूखंड है। प्रकृति की अनिर्वचनीय सुषमा चहुं ओर दृष्टिगोचर होती है। २६ छोटे-बडें आवास-गृह हैं। आश्रम में एक सुन्दर झील है। इसमे एक छोटा मन्दिर और प्रिन्टिंग पैस लगाई जा चुकी है, और अब इस भूमि में ५ बड़े तीर्थ व अहिंसा यूनिवर्सिटी स्थापित करने का प्रयास चल रहा है। विदेशी भूमि पर भगवान का समवशरण लगा है। प्राचीन आश्रमों का साकार रूप सिद्धाचलम है। जहां न पशु-पक्षी भयभीत है न इन्सान। शान्ति का अखण्ड सामाज्य है। साधना की तपोभूमि है। २ अगस्त से ११ अगस्त १९९१ मे यहां सिद्धाचलम् तीर्थ की । स्थापना एवं प्रतिष्ठा समारोह सम्पन्न किया गया। विदेश की धरती पर बना यह पहला जैन तीर्थ है। अर्हत् संघ और उसके कार्य अर्हत् संघ का मुख्य लक्ष्य राष्ट्रीय तथा अन्तराष्ट्रीय स्तर पर फैले आतंकवाद, हिसा, साम्प्रदायिकता और अशान्ति के विरूद्ध अहिंसात्मक अभियान चला ना है विकास के नये आयाम हो, व्यवस्थाएं हों, अहिंसक समाज रचना की बात हो। परम्परा और रूढियों से मुक्त स्वस्थ युगानुरूप जीवन-दर्शन हो। - धर्म स्थानों का निर्माण करना और सभी जैन सम्पदायों को एक सूत्र में बांधने का प्रयास - विश्व में आध्यात्मिक कान्ति लाना जिसके लिए विभिन्न देशों में महावीर केन्द्रों की स्थापना - विभिन्न धर्मो में समन्वय सदभावना और जनचेतना का जागरण - सेवा, साधना व शिक्षा के द्वारा परस्पर सौहार्द उत्पन्न करना Page 46 June 1994 Jain Digest Jain Education Interational 2010_02 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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