Book Title: Jain Digest 1994 06 Special Issue
Author(s): Federation of JAINA
Publisher: USA Federation of JAINA

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Page 53
________________ सम्पूर्ण जैन समाज को हार्दिक बधाई इन्टरनेशनल महावीर जैन मिशन संयुक्त राष्ट्र संघ की कार्यवाहक समिति में सदस्य निर्वाचित जैन धर्म के शाश्वत सिद्धान्तों एवं अहिंसा के हृदयगाही दर्शन को विश्व तक पहुंचाने वाले आचार्य श्री सुशील कुमार जी महाराज द्वारा स्थापित इन्टरनेशनल महावीर जैन मिशन, संयुक्त राष्ट्र संघ की गैर सरकारी संस्थान की कार्यसंचालन समिति का सदस्य चुना गया। मिशन की यह सदस्यता सम्पूर्ण जैन समाज के लिए एक बहुत बड़े सम्मान की बात ज्ञात रहे मिशन को फरवरी १९९२ में संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा उसकी गैर सरकारी संस्था क रूप में मान्यता एवं सदस्यता मिली थी और अब यह उसकी कार्य संचाल समिति में भी सदस्य है। गौरव की बात हैं कि इसने इतने अल्प समय में ही आचार्य श्री के आशीर्वाद से संयुक्त राष्ट्र संघ में अपनी एक अलग पहचान बना ली। मिशन, महावीर के सिद्धान्तों "जीयो और जीने दो', अहिंसा, शान्ति व आध्यात्मिक शिक्षा के प्रचार प्रसारार्थ हर संभव सहयोग एवं कार्य करने को कटिबद्ध है। एशिया की प्रथम गैर सरकारी संस्था है जिसने संयुक्त राष्ट्र संघ में कार्यवाहक समिति का सदस्य होने का गौरव प्राप्त किया हुआ है। १७९ राष्ट्रों के सहयोग से बनी सस्था संयुक्त राष्ट्र संघ में जैन मिशन का उच्चस्तरीय प्रतिनिधित्व एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। यह उपलब्धि विश्व में व विशेष रूप से पूर्वीय देशों में और अधिक सकिय आध्यात्मिक कार्य करने में सक्षम बनायेगी। 'अर्हत जैन टाइम्स परिवार की ओर आचार्य श्री एवं मिशन के अध्यक्ष श्री अरूण कोठारी सहित सभी सदस्यो एवं सम्पूर्ण जैन समाज को हार्दिक बधाई। ज्ञातव्य कि मिशन ने संयुक्त राष्ट्र संघ में अपने प्रतिनिधि के रूप मे श्री प्रमिन्द्र नाथ जैन 'बावा को नियुक्त किया है। श्री बावा को हार्दिक शुभकामना एवं बधाई।श्री बावा अपने कायों द्वारा विश्व के कल्याणार्थ भगवान महावीर के मूल सिद्धान्तों के प्रसार के लिए मिशन के कार्यों को और अधिक आगे बढ़ाने में सक्षम हों। पूज्य गुरुदेव आचार्य श्री सुशील कुमार जी महाराज के कार्यों को आप इसी श्रद्धा एवं विश्वास के साथ आगे बढ़ाते रहेंगे। जिस विश्वास के साथ आचार्य श्री एवं मिशन ने आपको अपना प्रतिनिधि बनाकर वहां भेजा है। पुनश्च हार्दिक बधाई। Jain Digest June 1994 Page 51 Jain Education Intermational 2010_02 Jain Education Interational 2010_02 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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