Book Title: Jain Dharm no Prachin Itihas Part 02
Author(s): Hiralal Hansraj
Publisher: Shravak Hiralal Hansraj

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Page 174
________________ (१६४) (५) व सुवर्ण तुला तोलक श्री खुम्माण ९ श्रीमदल्लट १० (६) नरवाहन ११ शक्तिकुमार १२ शुचिर्भ १३ कीर्तिवर्म (७) १४ योगराज १५ वैरट १६ वंशपाल १७ वैरीसिंह १८ वीरसिंह १९ श्री अरी (८) सिंह २० चोडसिंह २१ विक्रमसिंह २२ रणसिंह २३ (९) खेमसिंह २४ सामंतसिंह २५ कुमारसिंह २६ मथनसिंह (१०) २७ पद्मसिंह २८ चैत्रसिंह २९ तेजखिसिंह ३० सम(११) रसिंह ३१ चाहुमा न श्री कीतूक नृप श्री अल्लावीन सुरत्राण क्षेत्र बप्प ( १२ ) वश्य श्री भुवनसिंह ३२ मुत श्री जयसिंह मालवेश (१३) गोगादेव जैत्र लक्षणसिंह ३४ पुत्र श्री अजयसिंह (१४) ३५ भ्रातृ श्री अरिसिंह ३६ श्री हम्मीर ३७ श्री खेतसिंह (१५) श्री लक्षाङ्य नरेंद्र ३९ नंदन मुवर्ण तुलादि दान पुण्य ( १६ ) परोपकारादि सार गुण सुरदम विश्राम नंदन श्री मोकल (१७) महीपति ४० कुल कानन पंचाननस्य विषमतमाऽभसारंग (१८) पुर नागपुर गागरणन राणका ऽजयमेरु मंडोर मंडलकार बूदी (१९) खाह चाट सूजानादि नाना महादुर्ग लीला मात्र ग्रहणप्रमाणि (२०) तजित काशित्वाभिमानस्य निजभुजोजितसमुपाजितानेक भ (२१) द गजेंद्रस्य म्लेच्छमहीपालव्याल चक्रवाल विदलन विहंगमें (२२) इस्य प्रचंड दोर्दड खंडिता भिनिवेश नाना देश नरेश भालमा ( २३) लालालित पादारविंदस्य अस्खलित ललित लक्ष्मीविला ( २४ ) सगोविंदस्य कुनयगहनदहनदवानलायमानप्रतापव्या (ता) (२५) प पलायमान सकल बलुल प्रतिकूल माप श्वापददस्य Aho ! Shrutgyanam

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