Book Title: Jain Dharm ki Hajar Shikshaye
Author(s): Madhukarmuni
Publisher: Hajarimalmuni Smruti Granth Prakashan Samiti Byavar

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Page 10
________________ सहयोगियों का अर्थ-सहयोग संस्था को मिलता रहेगा-इसी आशा के साथ विराम। पुनश्च-हमारे स्नेहपूर्ण आग्रह को मान्य कर जीवन साहित्य के संपादक एवं प्रमुख गांधीवादी विचारक-लेखक श्री यशपाल जी जैन ने इस पुस्तक की भूमिका लिखी है। हम उनके इस सहयोग के लिए आभारी है। -विनम्र सुगनचन्द कोठारी मंत्री मुनिश्री हजारीमल स्मृति प्रकाशन ब्यावर

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