Book Title: Jain Darshan me Tattva Mimansa
Author(s): Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 106
________________ Jain Education International कर्मवाद कृष्ण नील गाय की जीभ से अनन्तगुण कर्कश पोद्गलिक विकारों (द्रव्य लेश्याओं) के वर्ण, रस, गंध और स्पर्श का विवरण इस प्रकार है____ वर्ण रस गंध काजल के समान काला नीम से अनन्त गुण कटु मृत सर्प की | नीलम के समान नीला सोंठ से अनन्त गंध से गुण तीक्ष्ण अनन्त गुण | कबूतर के गले के कच्चे आम के रस से अनिष्ट गंध | समान रंग अनन्तगुण तिक्त हिंगुल-सिंदूर के समान पके आम के रस से रक्त सुरभि-कुसुम हल्दी के समान पीला मधु से अनन्तगुण की गंध से अनन्तगुण शंख के समान सफेद मिसरी से अनन्त इष्ट गंध गुण मिष्ट कापोत For Private & Personal Use Only ------- तेजस् अनन्तगुण मधुर मक्खन । पद्म मिष्ट अनन्तगुण है सुकुमार । शुक्ल . www.jainelibrary.org

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