Book Title: Jain Darshan me Tanav aur Tanavmukti Author(s): Trupti Jain Publisher: Prachya Vidyapith Shajapur View full book textPage 7
________________ जैनधर्म दर्शन में तनाव और तनावमुक्ति 5. राग व द्वेष तनाव के मूलभूत हेतु 6. इच्छाएं एवं आकांक्षाओं का तनाव से सह-सम्बन्ध 7. कषायचतुष्क और तनाव । 8. षट् लेश्याएँ और तनाव 9. उत्तराध्ययनसूत्र के अनुसार लेश्याओं का स्वरूप और तद्जन्य तनावों का स्वरूप 10. भगवती एवं कर्मग्रन्थों के आधार पर कषायों की चर्चा अध्याय - 5 तनाव प्रबंधन की विधियाँ 163-252 (अ) तनाव प्रबंधन की सामान्य विधियाँ 1. शारीरिक विधियाँ 2. भोजन सम्बन्धी विधियाँ - 3. मानसिक विधियाँ A. एकाग्रता B. भूलने की क्षमता C. योजनाबद्ध चिन्तन D. सकारात्मक सोच 4. मनोवैज्ञानिक विधियाँ . (ब) जैनधर्म दर्शन में तनाव प्रबंधन की विधियाँ 1. आत्म-परिशोधन - विभाव दशा का परित्याग 2. ध्यान और योगसाधना तथा उससे तनावमुक्ति 3. आर्त और रौद्रध्यान तनाव के हेतु तथा धर्म और शुक्लध्यान से तनावमुक्ति 4. आचारांग सूत्र से ममत्व का स्वरूप और ममत्व त्याग एवं तृष्णा पर प्रहार 5. स्थानांगसूत्र और ध्यानशतक में ध्यान के लक्षण, साधन आदि का विचार 6. इच्छा निर्मूलन और तनावमुक्ति Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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