Book Title: Jain Darshan me Shraddha Matigyan aur Kevalgyan ki Vibhavana
Author(s): Nagin J Shah
Publisher: Jagruti Dilip Sheth Dr
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सामान्यसूची तत्त्वसंग्रह, 7, 53, 56 तत्त्वार्थसूत्र, 27, 31 तत्त्वार्थसूत्रभाष्य, 11, 36 तप, 19 तर्क, 7-8, 28, 31, 40-41 तारकज्ञान, 54 तीर्थंकर, 1-3 दर्शन, 4-5, 9, 13 दर्शनमोहनीय कर्म, 9 दशवैकालिकनियुक्ति, 41 दसबल, 52 दिव्यचक्षुज्ञान, 26 दृष्टिराग, 6, 11 देवगुप्त, आचार्य, 11 द्रव्य, और सन्तान, 13 द्रव्यगुणपर्यायरास, 13 द्वात्रिंशद्वात्रिंशिका, 8 धर्म, 19, 56 धर्मकीर्ति, 56-57 धर्मज्ञत्व, 56-57, 61-62 धर्ममेघसमाधि, 9, 54 धर्मद्रव्य, 17 धवलाटीका, 12 धारणा, 28, 31-32, 34 धारावाही प्रत्यक्ष, 32 नग्नता, 2 नन्दिसूत्र, 27 नागसेन, 53 नाथसम्प्रदाय, 3 नित्य, 14
निदिध्यासन, 4-6 नियति, 59 नियतिवाद, और कर्मसिद्धान्त, 57-58,
और सर्वज्ञत्व, 57-59 नियमसार, 51 निरावरणज्ञान, 59 निर्जरा, 19 निर्ग्रन्थ, 1-2 निर्मोही, और ज्ञान, 60 निर्विकल्प प्रत्यक्ष, 30-31 निर्वितर्कनिर्विचारात्मक ध्यान 8 निर्वेद, 11 निश्चयनय, 51 नैश्चयिक श्रद्धा, 11 नैसर्गिक श्रद्धा, 9-12 न्यायमंजरी, 2 न्यायमंजरीग्रंथिभंग, 2 न्याय-वैशेषिकदर्शन, 62 न्याय-वैशेषिक परम्परा, 55 न्यायसूत्र, 55 न्यायावतार, 41 पतंजलि, 53 परचित्तज्ञान, 26 परमाणु, 16-17 परमाणुवाद, 16-17 पराचित्तशास्त्र, 44 परीषहजय, 19 पर्याय, और क्षण, 13 पशु (जाति), 3 पाणिनि, 3
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