Book Title: Jain Darm Me Karmsiddhant Ek Anushilan
Author(s): Bhaktisheelashreeji
Publisher: Sanskrit Prakrit Bhasha Bhasha Vibhag

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Page 403
________________ 385 कठोपनिषद्कर्मग्रन्थ (भाग १-६) कर्मप्रकृति कल्पसूत्र कल्पसूत्र कषाय-पाहुड कार्तिकेयानुप्रेक्षा संपा. पं. कृष्णमूर्ति, सिंकदराबाद, १९७० पू. मिश्रीलाल जी म.सा., श्री चंद्रसुराणा, श्री मरुधर केसरी साहित्य प्रकाशन समिती, पीपलिया बाजार, ब्यावर आचार्य शिवशर्म, मलयगिरिकृत टीका, श्रीमद् यशोविजय उपाध्याय, श्री देवचंद लालभाई पुस्तकोद्धार फंड, गोपीपुरा, सूरत, १९३६ पं. नेमिदन्द्रजी, रत्न जैन पुस्तकालय, अहमदनगर, १९९१ उपाचार्य देवेन्द्र मुनिजी म.सा., श्री तारकगुरु जैन ग्रंथालय, गुरू पुष्कर मार्ग, उदयपुर आचार्य गुणधर, संपा. सुमेरचन्द्र दिवाकर, शान्तिसागर दिगंबर जैन जिनवाणी जीर्णोद्धारक संस्था, फलटण, १९६८ आचार्य स्वामी कार्तिकेय, संपा. डॉ. ए. एन. उपाध्ये, राजचन्द्र जैन शास्त्रमाला, आगास, १९६० संपा. डॉ. पन्नालाल साहित्याचार्य, श्रुत-भंडार व ग्रन्थ प्रकाशन समिति, फलटण, १९७० सकलन- श्री गोपालदास जीवाभाई पटेल, अनु. आ. भा. सोनटक्के, जीवराज जैन ग्रन्थमाला, जैन संस्कृति संरक्षक संघ, सोलापुर, १९६५ केशवसिंह, वाचनाप्रमुख-आ. तुलसी, संपा. मोहनलाल बांठिया, जैन दर्शन समिती, कलकत्ता, १९६९ गीता प्रेस, गोरखपुर श्रीमन् नेमिचंद्राचार्य सिद्धांत चक्रवर्ती, शा. रेवाशंकर जगजीवन जवेरी, पं. खूबचंद्र सिद्धांत शास्त्री, द्वितीय वृत्ति, जवेरी बाजार मुंबई, १९२७ संपा. मुनिश्री कन्हैयालाल, देवेन्द्रमुनि, अनु. युवाचार्य मधुकरमुनि, श्री आगम प्रकाशन समिती, ब्यावर, १९९८ मोतीलाल जालान, गीताप्रेस गोरखपुर, पंचम आवृत्ति, वि. सं. २०२३ . कुन्दकुन्द-भारती कुन्दकुन्दांचे रत्नत्रय क्रियाकोश गीता-रहस्यगोम्मटसार (जीवकाण्ड) चन्द्र-प्रज्ञप्ति छांदोग्य-उपनिषद् जम्बूद्वीपप्रज्ञप्तिसूत्र अनुवादक युवाचार्य मधुकरमुनिजी म.सा..

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